समय पर करवाना सरकार के लिए आसान नहीं होगा. दरअसल देहरादून के सीमा विस्तारीकरण का मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. उधर निर्वाचन आयोग के आज ही चुनाव कार्यक्रम भी तैयार कर सरकार को भेजने की तैयारी है.
सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग दोनों स्थानीय निकाय चुनाव के लिए तैयार होने का दावा कर रहे हैं. उधर देहरदून नगर निगम में अब भी चुनाव करवाने को लेकर स्थिति साफ़ नहीं है कि चुनाव कितने वार्डों में होंगे. नगर निगम का सीमा विस्तार करते हुए सरकार ने देहरादून के 72 गांवों को निगम के दायरे में लेने की अधिसूचना जारी कर दी थी.
सरकार के इस फ़ैसले के विरोध में ग्रामप्रधान संगठन हाईकोर्ट की शरण में गया था और हाईकोर्ट से राहत न मिलने पर संगठन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी. प्रधान संगठन, देहरादून के घनश्याम पाल पूछते हैं जब इस मामले में सुनवाई लंबित है तो सरकार कैसे देहरादून में चुनाव करवा सकती है?
इस साल राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव करवाना सरकार के लिए चुनौती बना हुआ है. यह मामला राज्य निर्वाचन आयोग, सरकार और अदालत के बीच फंसा रहा. एक नज़र इस मामले में अब तक क्या-क्या हुआ?
देहरादून निगम निगम के आयुक्त चुनाव करवाने के लिए तैयार होने का दावा करते हैं. नगरायुक्त विजय कुमार जोगदंडे कहते हैं कि 0211 की जनगणना के हिसाब के 72 गांवों को जोड़ने के बाद देहरादून निगम की आबादी आठ लाख से ज़्यादा है. इस आधार पर देहरादून को 100 वार्डों में बांटकर चुनाव करवाए जाएंगे, जिसके लिए तैयारी पूरी है.
लेकिन कानून के जानकारों को कहना है कि यह जल्दबाज़ी सरकार को भारी पड़ सकती है. देहरादून की वकील रीता त्यागी कहती हैं कि जब तक सुप्रीम कोर्ट इस केस में फैसला नहीं सुना देता तब तक देहरादून में चुनाव करने की बात करना सरकार को भारी पड़ सकता है.
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FIRST PUBLISHED : October 15, 2018, 10:58 IST