Uttarakhand News: कोरोना काल में स्वास्थ्य महकमे की पौ-बारह, खरीद डालीं 3 करोड़ की लग्जरी कारें

हल्द्वानी के गौलापार निवासी सामाजिक कार्यकर्ता रविशंकर जोशी ने आरटीआई के जरिए जानकारी मांगी थी.
Uttarakhand Health Department: आरटीआई के मुताबिक, 23 मार्च 2020 को अति आवश्यक बताकर लग्जरी कार खरीद आदेश जारी हुआ. एक लग्जरी इनोवा कार स्वास्थ्य महानिदेशक जबकि 22 मारुति सियाज कार और 13 बोलेरो खरीदी गई जिनकी कुल मिलाकर संख्या 36 है. कीमत तकरीबन दो करोड़ 82 लाख के पार है.
- News18 Uttarakhand
- Last Updated: January 27, 2021, 4:03 PM IST
हल्द्वानी. कोरोना काल में वैसे तो प्रदेश की अर्थ व्यवस्था चरमाराई रही लेकिन इसी मुश्किल दौर में स्वास्थ्य महकमे में खूब पौ-बारह हुई. अधिकारियों ने जरूरत बताकर जो मन चाहा खरीद डाला. जिस समय डॉक्टर और अन्य मेडिकल स्टाफ मास्क, पीपीई किट और सैनेटाइजर के लिए परेशान थे, ठीक उसी समय स्वास्थ्य महकमे के आला अधिकारी करोड़ों रुपये की लग्जरी कारें खरीदने में व्यस्त थे. आरटीआई के जरिए ये जानकारी हाथ लगी है. साफ है कि अधिकारियों ने इस मुश्किल दौर को लग्जरी कारें खरीदने के लिए आपदा को अवसर के तौर पर इस्तेमाल किया.
हल्द्वानी के गौलापार निवासी सामाजिक कार्यकर्ता रविशंकर जोशी ने आरटीआई के जरिए स्वास्थ्य महानिदेशालय से कोरोना काल में खरीदी गई कारों के बारे में जानकारी मांगी थी. पता लगा कि 23 मार्च 2020 को अति आवश्यक बताकर लग्जरी कार खरीद आदेश जारी हुआ.
एक लग्जरी इनोवा कार स्वास्थ्य महानिदेशक जबकि 22 मारुति सियाज कार और 13 बोलेरो खरीदी गई जिनकी कुल मिलाकर संख्या 36 है. कीमत तकरीबन दो करोड़ 82 लाख के पार है. इन कारों से सात का इस्तेमाल स्वास्थ्य महानिदेशालय में अपर स्वास्थ्य महानिदेशक और वित्त निदेशक पद पर बैठे अधिकारी कर रहे हैं, जबकि दो कारें गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के स्वास्थ्य निदेशकों दी गई हैं. इसके अलावा 13 जिलों के सीएमओ को भी सियाज कार दी गई गई हैं जबकि सर्विलांस में मदद के लिए 13 जिलों को 13 बोलेरो कार दी गई हैं.
आरटीआई कार्यकर्ता रविशंकर जोशी कहते हैं कि लग्जरी कारें खरीदना साफ-साफ सरकारी धन का दुरुपयोग है. जोशी कहते हैं कि महंगी कारों के बजाय कम कीमत की भी कार खरीदी जा सकती थी. हालांकि कार खरीदी दस्तावेजों में अधिकारियों की दलील है कि कोरोना काल में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर तरीके से संचालित करने में ये कारें मददगार साबित होंगी, इस इरादे से इन्हें खरीदा गया है.स्वास्थ्य महानिदेशक के लिए 15 लाख की कार 8 मार्च 2020 को सबसे पहले स्वास्थ्य महानिदेश अमिता उप्रेती ने खुद के लिए 15 लाख कीमत की इनोवा क्रिस्टा कार खरीदने का फैसला लिया जिसके लिए उन्होंने तुरंत रुपये रिलीज करने का भी लिखित आदेश दिया.
हल्द्वानी के गौलापार निवासी सामाजिक कार्यकर्ता रविशंकर जोशी ने आरटीआई के जरिए स्वास्थ्य महानिदेशालय से कोरोना काल में खरीदी गई कारों के बारे में जानकारी मांगी थी. पता लगा कि 23 मार्च 2020 को अति आवश्यक बताकर लग्जरी कार खरीद आदेश जारी हुआ.
एक लग्जरी इनोवा कार स्वास्थ्य महानिदेशक जबकि 22 मारुति सियाज कार और 13 बोलेरो खरीदी गई जिनकी कुल मिलाकर संख्या 36 है. कीमत तकरीबन दो करोड़ 82 लाख के पार है. इन कारों से सात का इस्तेमाल स्वास्थ्य महानिदेशालय में अपर स्वास्थ्य महानिदेशक और वित्त निदेशक पद पर बैठे अधिकारी कर रहे हैं, जबकि दो कारें गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के स्वास्थ्य निदेशकों दी गई हैं. इसके अलावा 13 जिलों के सीएमओ को भी सियाज कार दी गई गई हैं जबकि सर्विलांस में मदद के लिए 13 जिलों को 13 बोलेरो कार दी गई हैं.
आरटीआई कार्यकर्ता रविशंकर जोशी कहते हैं कि लग्जरी कारें खरीदना साफ-साफ सरकारी धन का दुरुपयोग है. जोशी कहते हैं कि महंगी कारों के बजाय कम कीमत की भी कार खरीदी जा सकती थी. हालांकि कार खरीदी दस्तावेजों में अधिकारियों की दलील है कि कोरोना काल में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर तरीके से संचालित करने में ये कारें मददगार साबित होंगी, इस इरादे से इन्हें खरीदा गया है.स्वास्थ्य महानिदेशक के लिए 15 लाख की कार 8 मार्च 2020 को सबसे पहले स्वास्थ्य महानिदेश अमिता उप्रेती ने खुद के लिए 15 लाख कीमत की इनोवा क्रिस्टा कार खरीदने का फैसला लिया जिसके लिए उन्होंने तुरंत रुपये रिलीज करने का भी लिखित आदेश दिया.