उत्तराखंड की सियासत के अगले 4 महीने 'सल्ट' के नाम, संवेदनाएं भुनाएगी भाजपा

सल्ट के सियासी समर की लगभग बिसात बिछाई जा चुकी है.
भाजपा विधायक जीना के निधन से खाली अल्मोड़ा की सल्ट विधानसभा सीट पर मई तक उपचुनाव हो सकते हैं, लिहाजा राज्य की सारी सियासत अगले चार महीने सल्ट में केन्द्रित रहेगी. 27 को श्रृद्धांजलि सभा के बहाने भाजपा इस चुनावी समर के लिए अपने अभियान की शुरुआत करने जा रही है.
- News18 Uttarakhand
- Last Updated: January 21, 2021, 12:51 AM IST
देहरादून. बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह जीना (BJP MLA Surendra Singh Jeena) के निधन से खाली हुई अल्मोड़ा की सल्ट विधानसभा सीट पर आगामी मई तक उपचुनाव हो सकते हैं. राज्य में विधानसभा चुनाव से ऐन पहले होने वाले इस चुनावों में जीत हासिल करने भाजपा कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती. लिहाजा उत्तराखंड की सियासत अगले चार महीने सल्ट विधानसभा सीट (Salt Assembly)पर केन्द्रित रहने वाली है, यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी. भाजपा यहां 27 जनवरी को स्व. जीना की स्मृति में श्रृद्धांजलि सभा के बहाने अपनी चुनावी गतिविधियों की शुरूआत करने जा रही है. बीजेपी की कोशिश है कि वो विधायक जीना के निधन से उपजी संवेदनाओं को न सिर्फ उपचुनाव में बल्कि 2022 के विधानसभा चुनाव में भी वोट में बदले.
95 हजार मतदाताओं वाली सल्ट विधानसभा से लगे मरचूला में 19 से 22 फरवरी तक चिंतन शिविर आयोजित करना भी इसी कड़ी का हिस्सा माना जा रहा है. तीन दिवसीय इस चिंतन शिविर में सल्ट पर भी मंथन होगा. बीजेपी के प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार (Kuldeep Kumar) का कहना है कि सल्ट विधानसभा उपचुनाव में पार्टी भारी बहुमत से जीत दर्ज करेगी.
चुनावी रणनीति और तैयारियों को परखने का मौकायानि कि सल्ट के बहाने पार्टी 2022 की चुनावी रणनीतिक तैयारियों को भी परखेगी तो यहां से एक मजबूत संदेश देने की भी तैयारी है, जो 2022 के सियासी समर में पार्टी को सत्ता के शीर्ष तक ले जाने में मदद करेगा. सल्ट की चुनावी रणनीति के लिए पार्टी ने दो सदस्यीय कमेटी भी गठित कर काम शुरू कर दिया है. कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और प्रदेश महामंत्री सुरेश भट्ट को सल्ट की कमान सौंपी गई है. इसके अलावा सल्ट से लगे विधानसभा क्षेत्रों के विधायकों को भी सल्ट में डेरा डालने को कह दिया गया है. कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य का कहना है कि पार्टी के पास मजबूत संगठन है. इसके बूते पार्टी सल्ट उपचुनाव जीतेगी.
चुनावी रणनीति का खुलासा नहीं
बहरहाल, सल्ट के सियासी समर की चुनावी बिसात लगभग बिछाई जा चुकी है. बीजेपी जल्द ही यहां से प्रत्याशी की घोषणा भी कर सकती है. बीजेपी की कोशिश है कि वो विधायक जीना के निधन से उपजी संवेदनाओं को न सिर्फ उपचुनाव में बल्कि 2022 के विधानसभा चुनाव में भी वोट में कन्वर्ट करे. दूसरी ओर कांग्रेस ने भी सल्ट में प्रत्याक्षी खड़ा करने का ऐलान किया है. ये अलग बात है कि कांग्रेस ने अभी अपनी चुनावी रणनीति का खुलासा नहीं किया है.
95 हजार मतदाताओं वाली सल्ट विधानसभा से लगे मरचूला में 19 से 22 फरवरी तक चिंतन शिविर आयोजित करना भी इसी कड़ी का हिस्सा माना जा रहा है. तीन दिवसीय इस चिंतन शिविर में सल्ट पर भी मंथन होगा. बीजेपी के प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार (Kuldeep Kumar) का कहना है कि सल्ट विधानसभा उपचुनाव में पार्टी भारी बहुमत से जीत दर्ज करेगी.
चुनावी रणनीति और तैयारियों को परखने का मौकायानि कि सल्ट के बहाने पार्टी 2022 की चुनावी रणनीतिक तैयारियों को भी परखेगी तो यहां से एक मजबूत संदेश देने की भी तैयारी है, जो 2022 के सियासी समर में पार्टी को सत्ता के शीर्ष तक ले जाने में मदद करेगा. सल्ट की चुनावी रणनीति के लिए पार्टी ने दो सदस्यीय कमेटी भी गठित कर काम शुरू कर दिया है. कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और प्रदेश महामंत्री सुरेश भट्ट को सल्ट की कमान सौंपी गई है. इसके अलावा सल्ट से लगे विधानसभा क्षेत्रों के विधायकों को भी सल्ट में डेरा डालने को कह दिया गया है. कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य का कहना है कि पार्टी के पास मजबूत संगठन है. इसके बूते पार्टी सल्ट उपचुनाव जीतेगी.
चुनावी रणनीति का खुलासा नहीं
बहरहाल, सल्ट के सियासी समर की चुनावी बिसात लगभग बिछाई जा चुकी है. बीजेपी जल्द ही यहां से प्रत्याशी की घोषणा भी कर सकती है. बीजेपी की कोशिश है कि वो विधायक जीना के निधन से उपजी संवेदनाओं को न सिर्फ उपचुनाव में बल्कि 2022 के विधानसभा चुनाव में भी वोट में कन्वर्ट करे. दूसरी ओर कांग्रेस ने भी सल्ट में प्रत्याक्षी खड़ा करने का ऐलान किया है. ये अलग बात है कि कांग्रेस ने अभी अपनी चुनावी रणनीति का खुलासा नहीं किया है.