देहरादून. 20 साल में उत्तराखंड अपने उत्पादों की कोई पहचान मार्किट में नहीं बना पाया है. सेब से लेकर मंडवे तक किसी भी उत्पाद की कोई ब्रांडिंग नहीं हुई है लेकिन आने वाले दिनों में उत्तराखंड के प्रोडक्ट्स एक खास ब्रांड नेम से बिकेंगे. सरकार ने इसका ब्रांड नेम 'होली हिमालय' तय किया है यानी देवभूमि की पवित्रता भी और शुद्धता भी. माना जा रहा है कि राज्य का अपना ब्रांड होगा, तो खास तौर पर पहाड़ी आर्गेनिक प्रोडक्ट्स को नई मार्केट मिलेगी. इससे गांव में खेती करने से लेकर पैकिंग करने वाले लोगों को सीधा फायदा होगा वह भी उस राज्य में जहां लोकल प्रोडक्ट्स की ब्रांडिंग, रोज़गार का जरिया नहीं बन पाई है.
ज़िले के विशिष्ट उत्पादों को चुना जाए
राज्य के प्रोडक्ट्स को एक ब्रांड नेम देने से सरकार को बड़े बदलाव की उम्मीद है, और इसी को देखते हुए सरकार ने होली हिमालय ब्रांड नेम पर काम तेज़ कर दिया है. जल्द ही यह नाम आपको मार्केंट में नज़र भी आएगा.
मुख्य सचिव ओम प्रकाश की अध्यक्षता में सोमवार को सचिवालय में प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना की राज्य स्तरीय अनुमोदन समिति की मीटिंग हुई. बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि योजना के अन्तर्गत ऐसे उत्पादों को चुना जाए जिन उत्पादों की अपने ज़िले में विशिष्टता हो. उन्होंने कहा कि कुमाऊं क्षेत्र मिल्क प्रोडक्ट्स में सरप्लस है, वहां मिल्क प्रोडक्ट्स को भी रखा जा सकता है. इस योजना के अन्तर्गत हिमालयन चीज़ को बढ़ावा दिया जा सकता है.
मुख्य सचिव ने कहा कि एरिया स्पेसिफिक उत्पादों को फोकस किया जाना चाहिए ताकि उन उत्पादों की मार्केट तैयार हो सके. अल्मोड़ा की खुमानी अत्यधिक प्रसिद्ध है. उसके अचार अथवा जैम को इसमें शामिल किया जा सकता है. उन्होंने एक ज़िला एक उत्पाद योजना के तहत चमोली में ट्राउट मछली प्रसंस्करण को शामिल किए जाने पर भी जोर दिया.
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FIRST PUBLISHED : November 03, 2020, 10:38 IST