हरीश रावत व अन्य कांग्रेस नेताओं के साथ यशपाल आर्य.
देहरादून. तराई की सियासत में एक सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या इस बार फिर उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में बाहुबलियों का ही दबदबा रहेगा? नैनीताल के आसपास के तमाम विधानसभा क्षेत्रों में प्रभाव रखने वाले कांग्रेस के नेता यशपाल आर्य और उनके बेटे संजीव आर्य के काफिले पर बाजपुर विधानसभा क्षेत्र में हमले की की घटना ने तूल पकड़ लिया है. कांग्रेस के कई बड़े नेता हमले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के बयान को चिंताजनक बताते हुए कहा है कि इस हमले को भाजपा द्वारा समर्थन किया जाना एक तरह से धमकी भी दिखाई देती है.
भाजपा सरकार में मंत्री पद छोड़कर कांग्रेस में वापसी करने वाले यशपाल आर्य और उनके विधायक बेटे संजीव तीन दिन पहले एक कार्यक्रम के लिए बाजपुर इलाके में थे. इस दौरान उनके काफिले पर करीब दर्जन भर लोगों ने कथित हमला किया. आर्य ने मीडिया को बताया कि ये लोग लाठी, डंडों और तलवारों से लैस थे. आर्य और कांग्रेस ने इसे विपक्षी पार्टी की तरफ से की जाने वाली हिंसा करार दिया है. इसके बाद हंगामा तब हो गया जब उत्तराखंड सरकार में मंत्री अरविंद पांडे और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने इस घटना पर बयान दिए.
पहले अरविंद पांडे ने कह दिया कि जो लोग अपने राजनीतिक लाभ या अपने बेटे और बेटियों को राजनीति में स्थापित करने की ही सोच रखते हैं, जनता उन्हें कभी माफ नहीं करती. इस बयान के बाद सियासत भड़की तो कौशिक ने आग में घी डालने का काम किया. उन्होंने ‘जैसा बोओगे वैसा काटोगे’ कहकर अप्रत्यक्ष तौर पर यह भी संकेत किया कि आर्य पर हुए हमले से राज्य में सत्तारूढ़ बीजेपी को आपत्ति नहीं है.
भाजपा सरकार का रवैया देखकर हमले की निंदा करते हुए तमाम कांग्रेसी सड़कों पर उतर आए. बाजपुर, नैनीताल से लेकर देहरादून तक कांग्रेसियों ने प्रदर्शन किए. देहरादून में नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और कांग्रेस के उत्तराखंड प्रभारी देवेंद्र यादव समेत सैकड़ों की संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे. सीएम आवास की तरफ कूच किया लेकिन पुलिस ने एक किलोमीटर पहले ही इन्हें रोक दिया तो वहीं सबने धरना देकर पुरज़ोर विरोध किया.
कांग्रेस पार्टी के चुनाव अभियान प्रमुख हरीश रावत ने कौशिक के बयान की घोर निंदा करते हुए कहा कि आर्य पर हुआ हमला लोकतंत्र पर हमला है. उन्होंने कहा, ‘यह प्रतिपक्षी नेताओं की ज़ुबान को बंद कर देने की साज़िश है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने इस हमले का समर्थन किया है. इस समर्थन और इस बयान को भाजपा को वापस लेना चाहिए.’.
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