देहरादून के केदारपुरम में मौजूद नारी निकेतन का विवादों से पीछा नहीं छूट रहा है. कभी नारी निकेतन यौन शोषण के मामले को लेकर सुर्खियां में रहता है, तो कभी संवासिनियों की संदिग्ध परिस्थियों में मौत हो जाती है.
एक पखवाड़े में दो संवासिनियों की मौत हो चुकी है. साथ ही आठ संवासिनियों को दून हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है. बताया जा रहा है कि ज्यादातर संवासिनियों को खून की कमी बताई जा रही है.
वहीं स्वास्थ्य महकमे ने नारी निकेतन में कैंप लगातार संवासिनियों के हेल्थ चेकअप किए हैं. इस तरह से लगतार प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर अधिकारी क्यों नहीं संवासिनियों की सेहत का ख्याल कर रहे हैं.
वहीं एक बात समाने आ रही है कि अब संवासिनियों को हरिद्वार शिफ्ट करने की तैयार की जा रही है. शासन स्तर पर एक एनजीओ से बातचीत चल रही है, जैसे ही एनजीओ के साथ करार हो जाता है, तब मानसिक रूप से बीमार संवासिनियों को हरिद्वार शिफ्ट किया जा सकता है. इसके लिए शासन स्तर पर पॉलिसी तैयार की जा रही है.
वहीं संवासिनियों को लेकर अब शासन स्तर पर एक नई नीति बनाने की बात कही जा रही है. गौरतलब है कि संवासिनियों को पौष्टिक आहार नहीं मिल पा रहा है, जिसकी वजह से वे कई बीमारियां का शिकार हो रही हैं.
वहीं अब एक डॉक्टर्स का पैनेल दून हॉस्पिटल में भर्ती सभी संवासिनियों का इलाज करेगा. सीनियर फिजिशिएन डॉ केसी पंत की निगरानी में टीम का गठन किया गया है. दून हॉस्पिटल में अलग से वार्ड बनाया गया है, जहां सभी संवासिनियों का इलाज चल रहा है. इसके लिए अतिरिक्त नर्सेज की भी तैनाती की गई है.
सभी संवासिनियों का मेडिकल चेकअप कराया जा रहा है, जिससे वे उनकी बीमारियों के बारे में पूरी जानकारी मिल सकें. नारी निकेतन में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर डॉक्टर्स की टीम ने सभी संवासिनियों के हेल्थ का निरीक्षण किया है.
सीएमओ डॉ सीपी अग्रवाल का कहना है कि वैसे नारी निकेतन में लगातार संवासिनियों के हेल्थ चेकअप होते हैं, लेकिन जिस तरह संवासिनियों की तबियत खराब हो रही है उसको देखते हुए इस तरह के कैंप को लगातार उनके हल्थ का चेकअप किया जा रहा है.
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FIRST PUBLISHED : December 29, 2015, 17:30 IST