रिपोर्ट : पवन सिंह कुंवर
हल्द्वानी. उत्तराखंड के हल्द्वानी में स्थित सुशीला तिवारी अस्पताल के यूरोलॉजी विभाग में किडनी की पथरी और प्रोस्टेट से संबंधित बीमारियों के ऑपरेशन के लिए दूरबीन पहुंच गई है. यह मशीन करीब दो साल बाद विभाग को मिली है. अब तक यूरोलॉजिस्ट स्वयं की व्यवस्था से मरीजों के ऑपरेशन कर रहे थे. कई मरीज ऐसे होते हैं, जिन्हें किडनी में पथरी, यूरेटर, ब्लैडर तथा मूत्र विकार से संबधित समस्याएं होती हैं, जिन्हें जांच के लिए यूरोलॉजी विभाग में भेजा जाता है. मशीन न होने से मरीजों को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ता था लेकिन अब मशीन आ जाने के बाद मरीजों को अब राहत मिलेगी.
राजकीय मेडिकल कॉलेज के अधीन सुशीला तिवारी अस्पताल में प्रतिदिन 1500 से अधिक मरीज इलाज के लिए आते हैं. इनमें 100 से ज्यादा मरीज ऐसे होते हैं, जिन्हें किडनी में पथरी, यूरेटर, ब्लैडर और मूत्र विकार से संबंधित समस्याएं होती हैं. उन्हें जांच के लिए यूरोलॉजी विभाग में भेजा जाता है. हैरानी की बात है कि अस्पताल का यूरोलॉजी विभाग पिछले दो साल से दूरबीन के बिना चल रहा था. दूरबीन का प्रयोग बिना चीरा लगाए किडनी की पथरी, गुर्दे की पथरी को निकालने और मूत्र विकार संबंधी बीमारियों के ऑपरेशन में किया जाता है.
हर महीने होता है 70 -80 मरीजों का ऑपरेशन
विभाग की ओर से कई बार दूरबीन के लिए कॉलेज प्रशासन से मांग की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. इस पर यूरोलॉजिस्ट डॉ. लक्ष्मण पाल ने स्वयं दूरबीन की व्यवस्था की और मरीजों के ऑपरेशन करने शुरू किए. यूरोलॉजिस्ट डॉ.लक्ष्मण पाल ने बताया कि विभाग को किडनी की पथरी और प्रोस्टेट से संबंधित बीमारियों के ऑपरेशन के लिए दूरबीन मशीन मिली है. जिसकी कीमत लगभग सवा करोड़ के आसपास है. जल्द ही मशीन को स्थापित करने का काम शुरू हो जाएगा. उन्होंने बताया कि अस्पताल में हर माह किडनी की पथरी और मूत्र विकार संबंधी 70 से 80 मरीजों के ऑपरेशन किए जाते हैं.
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