पवन सिंह कुंवर
हल्द्वानी. उत्तराखंड के हल्द्वानी के युवा अश्वनी मेहरा ने अपने दिल की बात सुन कर खेती-बाड़ी का काम शुरू किया, और आज वो एक कामयाब किसान हैं. जिले के गौलापार के देवलातल्ला गांव के अश्वनी मेहरा ने पांच साल पहले मशरूम की खेती शुरू की थी, और फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. अश्वनी की मेहनत रंग लाई और मशरूम उत्पादन से वो आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे हैं. साथ ही, अब यह गांव के कई परिवारों के लिए भी रोजगार का साधन बन चुका है.
अश्वनी मेहरा ने बीयर शिवा स्कूल से इंटरमीडिएट करने के बाद कुमाऊं इंजीनियरिंग कॉलेज से इंजीनियरिंग की डिग्री ली थी. उन्होंने ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) में सालाना 10 से 12 लाख रुपये पैकेज पर तीन साल तक काम किया. इस नौकरी के बाद मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस में वो सहायक पद पर रहे. लेकिन, नौकरी में मन नहीं लगा तो वर्ष 2017 में यहां से भी इस्तीफा देकर अश्विनी घर लौट आए. उन्होंने अपने दिल की सुनी और खेती को रोजगार का मुख्य साधन बनाने की ठानी. बैंक से लोन लेकर अश्विनी ने बटन मशरूम की खेती शुरू की. अश्वनी मशरूम के उत्पादन में लगातार कामयाबी की ओर बढ़ रहे हैं.
अश्वनी ने न्यूज़ 18 लोकल से बातचीत में बताया कि उनके यहां हर महीने लगभग 10 से 20 टन तक मशरूम उत्पादन होता है. मशरूम की मांग न केवल हल्द्वानी में, बल्कि उत्तर प्रदेश के गोरखपुर व लखीमपुर खीरी तक में है. मशरूम तैयार करने के लिए लगाए गए प्लांट में एक साथ 10 से 15 किसान काम करते हैं. उनके इस स्वरोजगार से गांव के युवाओं को भी रोजगार मिला है.
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Tags: Agriculture, Haldwani news, Mushroom, Uttarakhand news
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