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Uttarakhand: अब हाथियों के आतंक से किसानों को बचाएंगी मधुमक्खियां, जानें क्‍या है प्रोजेक्ट री-हैब?

Project RE-HAB: उत्तराखंड में प्रोजेक्ट री-हैब से हाथियों के उत्पात पर लगाम लगाने की कवायद शुरू हो गई है. खादी और ग्रा ...अधिक पढ़ें

    रिपोर्ट: पवन सिंह कुंवर

    हल्द्वानी. उत्तराखंड में हाथियों का उत्पात लगातार बढ़ता जा रहा है. हाथी लगातार रिहायशी और खेती वाले इलाकों को अपना निशाना बना रहे हैं. इस बीच ग्रामीणों को हाथियों के आतंक से छुटकारा देने के लिए खादी और ग्रामोद्योग आयोग फतेहपुर वन रेंज के चौसला में री-हैब (रिड्यूस इन ह्यूमन अटैक यूजिंग बाय हनी बी) कार्यक्रम की शुरुआत की है, जो अभी ट्रायल पर है.

    दरअसल उत्तराखंड में जंगल किनारे बसे ग्रामीणों की दिक्कत यह है कि हाथी लगातार उनके घरों और खेती को अपना निशाना बना रहे हैं. लिहाजा खादी और ग्रामोद्योग आयोग भारत सरकार की तरफ से रामनगर वन प्रभाग की फतेहपुर रेंज के चौसला में ग्रामीणों को 330 मधुमक्खी बॉक्‍स और शहद निष्कासन यंत्र का नि:शुल्क वितरण किया गया है. देश में अब तक रि-हैब प्रोजेक्ट का संचालन उड़ीसा, असम, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल में किया जा चुका है. इससे मधुमक्खियों के बॉक्स को ऐसी जगह लगाया जाता है जहां हाथियों का आवागमन मानव बस्ती और खेती की तरफ होता है. इस प्रोजेक्ट के तहत यदि हाथी ग्रामीणों और खेती की तरफ आने की कोशिश करता है तो मधुमक्खियां हाथी के ऊपर मंडराते हुए उसे डंक मारती हैं और हाथी वापस जंगल लौट जाते हैं.

    खादी और ग्रामोद्योग आयोग के निदेशक सजीव राय का कहना है कि अभी तक हाथियों को रोकने का प्रयास सोलर फेंसिंग या बड़े-बड़े गड्ढे खोदकर किया जाता रहा है, जिससे हाथियों को कई बार गंभीर शारीरिक क्षति भी पहुंचती है. लिहाजा मधुमक्‍खी बॉक्‍स की फेंसिंग लगाकर हाथी को बिना नुकसान पहुंचाए गांव की तरफ आने से रोका जा सकता है, लिहाजा खादी और ग्रामोद्योग आयोग द्वारा रि-हैब प्रोजेक्ट का संचालन किया जा रहा है.

    Tags: Haldwani news, Terror of elephants, Uttarakhand news

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