पवन कुंवर
हल्द्वानी. उत्तराखंड के हल्द्वानी शहर के सोबन सिंह जीना बेस अस्पताल में न्यूरोसर्जन की नियुक्ति की गई है. अस्पताल में पिछले बारह साल से यह पद खाली था, जिसकी वजह से हल्द्वानी शहर और उसके आस-पास के इलाके के मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. न्यूरोसर्जन की नियुक्ति के बाद अब न्यूरो से संबंधित मरीजों को इस अस्पताल में इलाज की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी.
सोबन सिंह जीना बेस अस्पताल कुमाऊं का सबसे बड़ा अस्पताल कहलाता है. यहां रोजाना 700 से 1,000 तक ओपीडी होती है. यह अस्पताल हल्द्वानी शहर के मध्य में स्थित है जिस वजह से शहर और पर्वतीय जिलों के मरीज यहां आते हैं. इस अस्पताल में मरीजों का तांता लगा रहता है. बेस अस्पताल में 12 साल से न्यूरो सर्जन का पद खाली था, लेकिन अब इसको डॉ. अमित देवल नाम के न्यूरोसर्जन मिले हैं. अस्पताल में न्यूरोसर्जन आने से प्राइवेट और अन्य अस्पतालों की ओर रुख करने वाले मरीजों को अब सोबान सिंह जीना बेस अस्पताल में ही इलाज मिलेगा.
बेस अस्पताल की सीएमएस सविता ह्यांकी ने बताया कि हमारे अस्पताल में रोज 700 से लेकर 1,000 तक ओपीडी होती है. यहां हर वक्त मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं. सोमवार से लेकर शनिवार तक यहां मरीजों की भीड़ रहती है. न्यूरोसर्जन न होने से मरीजों को अन्य अस्पतालों की ओर जाना पड़ रहा था, लेकिन अब 12 साल बाद न्यूरोसर्जन की वापसी हुई है तो अब मरीजों को यहां दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा और उन्हें हमारे अस्पताल में इलाज मिल पाएगा. हमारी कोशिश रहती है कि हम अस्पताल में आने वाले मरीजों को बेहतर इलाज दे पाएं.
कुमाऊं के प्रमुख सरकारी चिकित्सालय बेस अस्पताल में अब न्यूरोसर्जन डॉ. अमित देवल अपनी सेवाएं देंगे. सप्ताह में तीन दिन वो ओपीडी में रहेंगे. इससे सिरदर्द, सिर की चोट, चक्कर आना, घबराहट, रीढ़ की हड्डी से जुड़ी बीमारियों का उपचार बेस अस्पताल में हो सकेगा. हालांकि अस्पताल में ऑपरेशन से जुड़ी सुविधाएं नहीं होने की वजह से अभी ओपीडी में ही मरीजों को परामर्श दिया जाएगा.
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