पवन सिंह कुंवर
हल्द्वानी. इस वक्त देशभर में जन्माष्टमी की धूम है. हर कोई कान्हा की खूबिया गिना रहा है. इस बीच हल्द्वानी में वन अनुसंधान केंद्र (Uttarakhand Forest Research Institute Haldwani) में कृष्ण वाटिका बनाई गई है, जिसमें भगवान श्री कृष्ण के पांच पसंदीदा वृक्ष लगाए गए हैं. अगर आप भी श्री कृष्ण के पांच पसंदीदा वृक्षों के दीदार करना चाहते हैं तो हल्द्वानी के वन अनुसंधान केंद्र आ सकते हैं. दरअसल यहां भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं से जुड़े वृक्षों को संरक्षित किया गया है.
भगवान श्रीकृष्ण को माखन बहुत पसंद है. भगवान बाल रूप में घरों से चुराकर माखन खाया करते थे. माखन चुराकर भगवान कृष्ण कदंब और कृष्णवट वृक्ष पर बैठकर खाते थे. इस वृक्ष की पत्तियां कटोरी की आकार की हैं. भगवान को कदंब और कृष्णवट के अलावा मौलश्री भी बहुत प्रिय था, तो भगवान अपने गले में वैजयंती की माला और सिर पर मोर पंख धारण करते थे.
कदंब, मौलश्री, कृष्णवट और वैजयंती के वृक्ष अब विलुप्ति की कगार पर हैं. ऐसे में उत्तराखंड वानिकी अनुसंधान संस्थान हल्द्वानी इन वृक्षों का संरक्षण किया है. वहीं, अनुसंधान केंद्र के वन क्षेत्राधिकारी मदन बिष्ट ने बताया कि उन्होंने पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कृष्ण वाटिका तैयार की है, जिसमें भगवान कृष्ण के प्रिय वैजयंती, कदंब, मौलश्री और कृष्णवट के पेड़ मौजूद हैं. हल्द्वानी की श्री कृष्ण वाटिका बेहद अच्छी है.
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