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Haridwar News: जानना चाहते हैं अपने पूर्वजों के बारे में तो आएं हरिद्वार, पोथी में दर्ज है सबकुछ

Haridwar News: हरिद्वार में तीर्थ पुरोहितों के पास पोथी होती है, जिसमें लोगों की पीढ़ी दर पीढ़ी के नाम लिखे होते हैं. ...अधिक पढ़ें

रिपोर्ट: ओम प्रयास

हरिद्वार. उत्तराखंड के हरिद्वार में हर की पौड़ी पर रोजाना देश के अलग-अलग राज्यों से लोग आते हैं.दरअसल हरिद्वार एक धर्म स्थली है, जहां पर पुण्य की कामना को लेकर लोगों का जमावड़ा नजर आता है. कहा जाता है कि हरिद्वार में कर्मकांड करने से पूर्वजों और उन लोग की आत्मा को शांति मिलती है, जो इस दुनिया से चले गए हैं. साथ ही यह भी मान्यता है कि उन्हें मोक्ष की प्राप्ति भी होती है. हरिद्वार में तीर्थ पुरोहितों के पास पोथी होती है, जिसमें लोगों की पीढ़ी दर पीढ़ी के नाम लिखे होते हैं. वहीं, हरिद्वार में जो भी श्रद्धालुओं गंगा स्नान करने या घूमने आते हैं, वह अपने तीर्थ पुरोहित से अपने पूर्वजों के नाम जान सकते हैं.

हर की पौड़ी पर अलग-अलग गोत्र के तीर्थ पुरोहित बैठे होते हैं, जिनके पास काफी पुरानी पोथी यानी वंशावली होती है. इसमें राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, गुजरात, मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों के लोगों के नाम लिखे हैं, जो कई सौ साल पहले हरिद्वार में गंगा स्नान करने के लिए आए थे.

ऐसे बनी पोथी
पहले समय में जब लोग हरिद्वार गंगा स्नान करने या फिर अन्य कार्य के लिए यहां आया करते थे, तो अपने तीर्थ पुरोहितों के पास हरिद्वार आने का कारण, समय और तारीख लिखवाया करते थे. ऐसे ही पीढ़ी दर पीढ़ी लोग आते रहे और अपना नाम, समय, तारीख और हरिद्वार आने का कारण लिखवाते रहे जिससे आज के दौर के व्यक्ति अपने पूर्वजों के नाम अपने तीर्थ पुरोहितों से हरिद्वार आकर जान सकते हैं. आप भी इस रीत को आगे बढ़ाते हुए अपना नाम, गोत्र, समय, तारीख और हरिद्वार आने के कारण लिखवाकर अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए छोड़ सकते हैं, लेकिन इन पोथियों में केवल उन्हें के पूर्वजों के नाम मिलेंगे जिन्होंने यहां पर अपने तीर्थ पुरोहितों के पास ये सब दर्ज करवाए होंगे.

तीर्थ पुरोहित निर्दोष कुमार शर्मा ने कहा कि यह वंशावली सभी तीर्थों पुरोहितों के पास होती है, जिसमें जजमानों के नाम लिखे होते हैं. सभी पुरोहितों के पास अलग-अलग राज्य की पोथियां होती हैं. पुरोहित निर्दोष कुमार शर्मा बताते हैं कि पोथी हमारा रिकॉर्ड होता है जिसमें जो भी श्रद्धालु हरिद्वार में गंगा स्नान करने, अस्थियां प्रवाह करने या मुंडन आदि कराने आते हैं तो उसमें उनका नाम, समय, तारीख और आने का कारण दर्ज किया जाता है. वहीं, हर जाति, संप्रदाय और गोत्र के अलग-अलग तीर्थ पुरोहित है जिनके पास अपने जजमानों का रिकॉर्ड होता है.

पूर्वजों के नाम जानने के लिए देनी होगी फीस?
पुरोहित से जानकारी ली गई कि पोथी (वंशावली) में नाम दर्ज करवाने और अपने पूर्वजों के नाम जानने के लिए क्या फीस होती है, तो उन्होंने बताया कि यह कोई निर्धारित नहीं है. जिसकी जो श्रद्धा होती है वह देकर अपने पूर्वजों के नाम जान सकता है. साथ ही अपना नाम, कारण, गोत्र और अपने हरिद्वार आने का कारण दर्ज करवा सकता है. पुरोहित निर्दोष कुमार शर्मा बताते हैं कि जो भी श्रद्धालु हरिद्वार आते हैं, वह अपने तीर्थ पुरोहितों से अपने पूर्वजों के नाम जरूर जानें और अपने हरिद्वार आने का कारण और तारीख जरूर दर्ज कराएं.

Tags: Ganga river, Haridwar news, Uttarakhand news

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