रहने योग्य शहरों की सूची में दिल्ली कई राज्यों की राजधानी से पीछे.
रुड़की. आईआईटी रुड़की देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों तक अपनी पहचान रखने वाला संस्थान है. अब इस संस्थान की मदद से राष्ट्रीय राजधानी का मास्टर प्लान बनाने की तैयारी है. आईआईटी रुड़की और दिल्ली विकास प्राधिकरण के बीच जो एमओयू साइन किया गया है, उसके मुताबिक दिल्ली का नक्शा बदलने के लिए रुड़की के नामचीन संस्थान के विशेषज्ञ दिल्ली को मॉडल सिटी बनाने में योगदान देंगे. करीब 60 सालों से दिल्ली बगैर मास्टर प्लान के बढ़ती रही है, लेकिन अब इसे एक सुनियोजित स्वरूप दिए जाने की तैयारी है.
दिल्ली को संवारने के लिए हुए करार में आईआईटी रुड़की के सिविल डिपार्टमेंट के वैज्ञानिक कमल जैन शामिल हैं. चूंकि 1962 के बाद से दिल्ली का कोई मास्टर प्लान नहीं हुआ है इसलिए दिल्ली विकास प्राधिकरण और आईआईटी रुड़की मिलकर दिल्ली का नक्शा तैयार करेंगे. वहीं 20 वर्षों यानी 2041 की सपनों की दिल्ली का नवनिर्माण होगा. इस मास्टर प्लान में और बहुत कुछ खास होगा, जानिए पूरा ब्योरा.
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कैसे बनेगा और मास्टर प्लान और क्यों?
रहन सहन की तमाम सुविधाओ को ध्यान में रखकर नक्शा तैयार किया जा रहा है. मास्टर प्लान के तहत बनाये जा रहे नक्शे में दिल्ली के हर भवन के विवरण तस्वीर समेत इंटरनेट पर होंगे. खास तौर पर भवन स्वामी का नाम, माप सहित कई जानकारियां उपलब्ध होंगी. मास्टर प्लान को तैयार करने में यूएवी ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा, जिसकी मदद से पानी निकासी की दिशा बताने और उसे कम करने में सुविधा मिल सकेगी.
प्रोफेसर कमल जैन का कहना है कि 2041 तक दिल्ली एक मॉडल सिटी बन जाएगी और लोगों को सारी सुविधाएं मिलेगी. जलभराव से निपटने, सीवरेज सिस्टम और इंटरनेट की बेहतर सुविधाएं मिलेंगी. जैन ने बताया कि उन्होंने वर्ल्ड बैंक प्रोजेक्ट के तहत उत्तराखंड के चार शहरों में काम किया है. जैन के मुताबिक इस तरह के प्रोजेक्ट में समय ज़रूर लगता है, लेकिन भविष्य में शहर बेहतर हो जाता है.
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