रिपोर्ट: ओम प्रयास
हरिद्वार. उत्तराखंड के हरिद्वार के कई स्वास्थ्य केंद्र ऐसे हैं, जहां पर विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है. हरिद्वार का ज्वालापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भी विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है. इस सेंटर पर एक भी गायनेकोलॉजिस्ट नहीं है, फिर भी यहां हर महीने 80 से 90 गर्भवती महिलाएं बच्चों को जन्म देती हैं. इस स्वास्थ्य केंद्र में पहले 30 से 40 डिलीवरी हुआ करती थी, लेकिन कुछ समय से यहां पर डिलीवरी होने का आंकड़ा बढ़ गया है. इसी साल सितंबर में यहां पर 103 महिलाओं की डिलीवरी हुई थी. इस स्वास्थ्य केंद्र पर सभी डिलीवरी नॉर्मल होती हैं, जिसका कारण यह है कि इस सेंटर पर सिजेरियन के लिए पर्याप्त साधन नहीं हैं.
ज्वालापुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात डॉक्टर नताशा बताती हैं कि उनकी ओपीडी में हर रोज 80 से 100 गर्भवती महिलाएं आती हैं. गर्भवती महिलाओं को ज्यादा परेशानी होने पर रेफर करना पड़ता है क्योंकि हॉस्पिटल में स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं है और न ही यहां ऑपरेशन करने के लिए सेटअप है.
अस्पताल में तैनात डॉक्टर अमन चावला बताते हैं कि इस स्वास्थ्य केंद्र में हर महीने औसतन 80 से 90 बच्चे पैदा होते हैं. हॉस्पिटल में मरीजों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं मिल रही हैं, इसीलिए यहां ज्यादा महिलाएं आती हैं. अमन बताते हैं कि उनकी ओपीडी में रोजाना 200 से 250 मरीजों को देखा जाता है. हॉस्पिटल में कुल 6 डॉक्टर हैं, जिनमें 3 पुरुष और 3 महिला डॉक्टर हैं. सभी MBBS हैं. वहीं, डॉक्टर अमन चावला कहते हैं कि गर्भवती महिलाओं की सुविधाओं का ख्याल रखते हुए अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ और ऑपरेशन के लिए पूरा सेटअप होना चाहिए.
अस्पताल की प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर नीति सिंह बताती हैं कि इस हॉस्पिटल में डिलीवरी होने की संख्या पहले से ज्यादा बढ़ी है, लेकिन पूरा सेटअप न होने के कारण गंभीर मरीजों को यहां से रेफर करना पड़ता है. उन्होंने बताया कि इस अस्पताल में महिला रोग विशेषज्ञ नहीं है.
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