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कनखल में है गुरु अमरदास की तपोस्थली, गंगा किनारे बैठकर सती प्रथा को खत्म करने के लिए किया था तप

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यह गुरुद्वारा कनखल में सती घाट पर स्थित है.

Gurudwara Amar Das Ji Sahib Haridwar: गुरु अमरदास ने यहां गंगा किनारे बैठकर सती प्रथा को खत्म करने के लिए तप किया था, ...अधिक पढ़ें

    रिपोर्ट: ओम प्रयास

    हरिद्वार. उत्तराखंड का हरिद्वार एक धर्मस्थली है, जहां पर हर धर्म से जुड़े लोग आते हैं. दरअसल हरिद्वार हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी धर्मों के लोगों के पौराणिक स्थानों का केंद्र है. सिख धर्म के तीसरे गुरु गुरु अमरदास की तपोस्थली भी हरिद्वार में स्थित है. गुरु अमरदास की तपोस्थली हरिद्वार की उपनगरी कनखल में गंगा किनारे सती घाट पर स्थित है. गुरु अमरदास हरिद्वार में 22 बार आए थे. 21 बार गुरु अमर दास गुरु बनने से पहले और 22वीं बार गुरु बनने के बाद यहां पर आए थे.

    जानकारी के अनुसार, गुरु अमरदास कनखल में सती घाट गंगा किनारे बैठकर तप किया करते थे, जिसे आज उनकी तपोस्थली कहा जाता है. हम कनखल में सती घाट गंगा किनारे गुरु अमर दास गुरुद्वारे में पहुंचे, जहां पर जाकर गुरुद्वारे के ज्ञानी देवेंद्र सिंह से बातचीत की. उन्होंने बताया कि गुरु अमरदास 22 बार हरिद्वार आए थे, जिसमें 21 बार गुरु बनने से पहले और एक बार गुरु बनने के बाद वह यहां आए थे. उन्होंने बताया कि गुरु अमरदास ने यहां गंगा किनारे बैठकर सती प्रथा को खत्म करने के लिए तप किया था, इसीलिए इस स्थान को गुरु जी की तपोस्थली कहा जाता है.

    वह बताते हैं कि सिख धर्म के तीसरे गुरु अमरदास के समय में सती प्रथा हुआ करती थी. जिनके पति कम उम्र में मार जाते थे, उनकी पत्नी को भी उनके साथ चिता में जिंदा जला दिया जाता था, जिसको गुरु अमर दास ने खत्म किया था. सती प्रथा पर विराम लगाने के लिए ही गुरु अमरदास हरिद्वार में इस स्थान पर तप किया करते थे. कनखल में गंगा किनारे स्थित गुरु अमरदास गुरुद्वारे में आज भी कई ऐसी चीजें हैं, जो प्राचीन काल की हैं. गुरु अमरदास की तपोस्थली के भीतर दाखिल होते ही ऊपर की ओर बनी हुई तस्वीरें साफ तौर पर दर्शाती हैं कि वह प्राचीन समय में बनाई गई थीं. वैसे तो यह गुरुद्वारा ही काफी पुराना है लेकिन समय बदलने के साथ गुरुद्वारे की समिति द्वारा इसका जीर्णोद्धार कराया गया.

    अलग अलग राज्य और विदेशों से आने वाले सिख धर्म के लोगों के लिए गुरुद्वारे में विशेष व्यवस्था की गई है. सिख धर्म से जुड़े लोग जब अस्थि विसर्जन करने के लिए हरिद्वार आते हैं, तो उनके लिए गुरु अमरदास गुरुद्वारे में ही खाने पीने और रुकने की व्यवस्था की जाती है. गुरु अमरदास गुरुद्वारा हरिद्वार की उपनगरी कनखल में सती घाट के पास गंगा किनारे स्थित है. यहां सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद जरूर पूरी होती है.

    Tags: Gurudwara, Haridwar news, Uttarakhand news

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