रिपोर्ट :ओम प्रयास
हरिद्वार. जैसे-जैसे समय बदलता जा रहा है वैसे वैसे ही आधुनिक समय में पुरानी संस्कृति भी विलुप्त होती जा रही है. वही आज के दौर में कुछ लोग ऐसे भी हैं जो पुरानी संस्कृति को बचाने के लिए लगे रहते हैं या फिर यूं कहें कि उनके पास कोई और रास्ता नहीं है वह केवल अपनी संस्कृति को बचाने का ही जिम्मा लेकर इस दुनिया में आए हैं.
पुराने जमाने में सब्जियों में मसाले पीसकर डालने हो, लहसुन पीसना हो, अदरक पीसना हो या अन्य कोई भी चीज पीसनी हो तो वह सिलबट्टे पर ही पीसी जाती थी लेकिन आज के दौर में मसाले पीसने के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बाजारों में आसानी से मिल जाते है लेकिन सिलबट्टे पर पिसे हुए मसाले और अन्य चीजों का स्वाद अलग ही होता है. यदि आप सब्जी बना रहे हैं और आपको सब्जी में मसाले डालने हैं तो सिलबट्टे पर मसाले पीसकर डालने से स्वाद के साथ-साथ अनेक फायदे भी होते हैं.
बाहरी मसालों में होती है मिलावट
सिलबट्टा बनाने वाले कारीगर रवि ने बताया कि वह करीब 20 साल से सिंहद्वार पर सिलबट्टा बनाने का काम कर रहा है. बाहर से आने वाले मसाले में कितनी मिलावट होती है यह किसी को नहीं पता होता लेकिन सिलबट्टे पर आप अपनी आंखों के सामने मसाले पीस सकते हैं.
सिलबट्टा एक फायदे अनेक
सिलबट्टा खरीदने आए ग्राहक अतुल कुमार ने बताया कि वह अपने घर के लिए सिलबट्टा लेने आए हैं. सिलबट्टे पर पिसे हुए मसाले फायदेमंद होते हैं. मिलावट से बचने के लिए असली चीजों को सिलबट्टे पर पीसकर खाने से कई फायदे होते हैं और सिलबट्टे पर खुद की आंखों के सामने ही मसाले पीसकर खाने का मजा ही अलग है . अतुल कुमार का कहना है कि सिलबट्टे पर जहां मसाले पीसकर खाए जाते हैं, वहीं मसाले पीसने वाले की वर्जिश भी हो जाती है, जिससे उनका शरीर स्वस्थ रहता है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: Haridwar news, Uttarakhand news
सालों से लापता हैं फिल्म 'कर्ज' के एक्टर, पत्नी ने कर ली दूसरी शादी, क्या सच में पागलखाने में हैं राज किरण?
FD पर ज्यादा ब्याज पाने का आखिरी मौका! बंद होने जा रही दिग्गज बैंकों की ये 2 स्पेशल एफडी स्कीम, सिर्फ 5 दिन बाकी
UPSC इंटरव्यू में टॉपर से भी ज्यादा थे नंबर, इनके नाम दर्ज है सबसे ज्यादा नंबर पाने का रिकॉर्ड