उत्तराखंड: हरिद्वार में भूकंप, रिक्टर स्केल पर 3.9 मापी गई तीव्रता

भूकंप आने के बाद लोग घर से बाहर आ गए. (सांकेतिक फोटो)
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (National Center for Seismology) के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.9 मापी गई है.
- News18 Uttarakhand
- Last Updated: December 1, 2020, 11:04 AM IST
हरिद्वार. उत्तराखंड के हरिद्वार (Haridwar) में भूकंप (Earthquake) के झटके महसूस किए गए हैं. इससे आसपास के इलाके में हड़कंप मच गया है. भूकंप आने के बाद लोग घर से बाहर आ गए. वहीं, कुछ देर तक सड़कों पर भीड़ लग गई. इससे यातायात प्रभावित हो गया. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (National Center for Seismology) के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.9 मापी गई है.
दरअसल, उत्तराखंड में इन दिनों भूकंप आने के मामले बढ़ गए हैं. बीते 10 नवंबर को एक रिपोर्ट आई थी, जिसमें कहा गया था कि उत्तराखंड में बड़े भूकंप का खतरा मंडरा रहा है. इस खतरे को देखते हुए वैज्ञानिकों ने चेतावनी जारी की थी. वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के वैज्ञानिकों के अनुसार उत्तराखंड के धारचुला को चीन सीमा पर स्थित लिपुलेख से जोड़ने वाली नई कैलाश मानसरोवर सड़क से करीब 45 किमी दूर पृथ्वी के निचले हिस्से में बड़ी गतिविधि हो रही है. वैज्ञानिकों ने धारचुला क्षेत्र और कुमाऊं हिमालयी क्षेत्र के आसपास के इलाकों में सूक्ष्म और मध्यम तीव्रता के भूकंपों की बड़ी मात्रा का खुलासा किया था. इसके साथ ही क्षेत्र में भूगर्भीय तनाव और भूगर्भीय संरचना की भी खोज की थी.
भूकंपीय गतिविधियां रिकॉर्ड की गई हैं
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक वैज्ञानिकों का कहना है कि इस क्षेत्र में भूगर्भीय तनाव के कारण भूकंपीय गतिविधियां रिकॉर्ड की गई हैं. ऐसे में ऐसी आशंका जताई जा रही है कि भविष्य में इस क्षेत्र में उच्च तीव्रता के भूकंप की भी संभावना है. यह शोध करने वाले वैज्ञानिकों की टीम का नेतृत्व करने वाले वैज्ञानिक देवजीत हजारिका ने अधिक जानकारी दी है. उन्होंने कहा, '1905 में कांगड़ा भूकंप और 1934 में बिहार-नेपाल भूकंप के अलावा इस क्षेत्र में पिछले 500 वर्षों में 8 से अधिक की तीव्रता के भूकंप नहीं आए है. इसलिए इस क्षेत्र को केंद्रीय भूकंपीय अंतराल (सीएसजी) क्षेत्र या गैप के रूप में जाना जाता है.'
दरअसल, उत्तराखंड में इन दिनों भूकंप आने के मामले बढ़ गए हैं. बीते 10 नवंबर को एक रिपोर्ट आई थी, जिसमें कहा गया था कि उत्तराखंड में बड़े भूकंप का खतरा मंडरा रहा है. इस खतरे को देखते हुए वैज्ञानिकों ने चेतावनी जारी की थी. वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के वैज्ञानिकों के अनुसार उत्तराखंड के धारचुला को चीन सीमा पर स्थित लिपुलेख से जोड़ने वाली नई कैलाश मानसरोवर सड़क से करीब 45 किमी दूर पृथ्वी के निचले हिस्से में बड़ी गतिविधि हो रही है. वैज्ञानिकों ने धारचुला क्षेत्र और कुमाऊं हिमालयी क्षेत्र के आसपास के इलाकों में सूक्ष्म और मध्यम तीव्रता के भूकंपों की बड़ी मात्रा का खुलासा किया था. इसके साथ ही क्षेत्र में भूगर्भीय तनाव और भूगर्भीय संरचना की भी खोज की थी.
Earthquake of magnitude 3.9 on the Richter scale occurred at 0941 hours near Haridwar, Uttarakhand:National Centre for Seismology
— ANI (@ANI) December 1, 2020
भूकंपीय गतिविधियां रिकॉर्ड की गई हैं
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक वैज्ञानिकों का कहना है कि इस क्षेत्र में भूगर्भीय तनाव के कारण भूकंपीय गतिविधियां रिकॉर्ड की गई हैं. ऐसे में ऐसी आशंका जताई जा रही है कि भविष्य में इस क्षेत्र में उच्च तीव्रता के भूकंप की भी संभावना है. यह शोध करने वाले वैज्ञानिकों की टीम का नेतृत्व करने वाले वैज्ञानिक देवजीत हजारिका ने अधिक जानकारी दी है. उन्होंने कहा, '1905 में कांगड़ा भूकंप और 1934 में बिहार-नेपाल भूकंप के अलावा इस क्षेत्र में पिछले 500 वर्षों में 8 से अधिक की तीव्रता के भूकंप नहीं आए है. इसलिए इस क्षेत्र को केंद्रीय भूकंपीय अंतराल (सीएसजी) क्षेत्र या गैप के रूप में जाना जाता है.'