उत्तराखंड सचिवालय की एक तस्वीर ये भी है कि यहां कुछ अधिकारी अपने काम के बोझ से दबा जा रहे हैं, और कुछ अधिकारी ऐसे भी हैं जिन्हें कोई जिम्मेदारी ही नहीं दी जा रही हैं.
सचिवालय में विभागों के बंटवारे के नए कल्चर से काम तो प्रभावित हो रहा है, साथ ही सचिवालय प्रशासन के अधिकारी भी सवालों के घेरे में आ गए हैं. दरअसल सचिवालय में अनुसचिव को दो विभाग, उपसचिव को चार विभाग और संयुक्त सचिव को आठ विभाग की जिम्मेदारी देने का प्रावधान है, मगर मनमाने तरीके से सचिवालय प्रशासन के अधिकारी विभागों की रेबड़ी को बांट रहे हैं.
कई ऐसे भी अनुसचिव हैं, जिन्हें एक विभाग की जिम्मदारी ही नसीब हुई हैं, जबकि कई ऐसे भी उपसचिव हैं, जिन्हें चार विभागों के साथ-साथ कई विभागों की अतिरिक्त जिम्मदारी दी गई हैं. वहीं सचिवालय प्रशासन के अधिकारी का कहना है कि काबिलियत के आधार पर विभाग बांटे जा रहे हैं.
वहीं अब सवाल ये उठता है कि क्या सचिवालय सेवा में नकारा अधिकारी भी भर्ती हो गए हैं. सचिवालय प्रशासन के सचिव आरके सुधांशु का कहना है कि काबिलियत के आधार पर ही कर्मचारियों के तबादले होते हैं. साथ ही कहा कि, हां कोशिश की जा रही है कि सचिवालय में विभागों के बंटवारे में सामानता लाई जाए.
वहीं सचिवालय प्रशासन के सचिव को अब कर्मचारी सवालों के कटघरे में खड़ा कर रहे हैं. कर्मचारियों का कहना है कि विभागों का बंटवारा सामान रूप से होना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब समान पद पर अधिकारी समान वेतन ले रहे हैं तो उनकी काबिलियत पर सवाल खड़ा करना ठीक नहीं हैं.
उनका कहना है कि सचिवालय में इसीलिए भी फाइलें रुक रही है, क्योंकि दर्जनों अधिकारियों से काम नहीं लिया जा रहा है. अब बड़ा सवाल ये है कि क्या वाकई सचिवालय में ऐसा तंत्र विकसित हो गया है, जिसकी वजह से फाइलें सचिवालय में दम तोड़ रही हैं. वहीं कुछ चहेते अधिकारी अहम विभागों पर अपना कब्जा जमाए बैठे हैं.
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FIRST PUBLISHED : December 17, 2015, 08:06 IST