पत्नी की हत्या में दोषी वकील पति को उम्रकैद की सजा, 30 हजार का जुर्माना भी लगा

पत्नी की हत्या में आरोपी वकील पति को आजीवन कारावास की सजा (सांकेतिक तस्वीर)
पत्नी की हत्या (murder) में वकील पति को जिला अदालत (District Court) ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, इसके साथ ही दोषी वकील मनीष अरोड़ा पर कोर्ट ने 30 हजार का जुर्माना लगाया है.
- News18 Uttarakhand
- Last Updated: November 24, 2019, 10:08 AM IST
नैनीताल. उत्तराखंड के नैनीताल की जिला अदालत (District Court) ने पत्नी की हत्या (murder) में आरोपी वकील पति (husband) को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. साथ ही दोषी वकील मनीष अरोड़ा पर कोर्ट (court) ने 30 हजार का जुर्माना भी लगाया. कोर्ट ने कहा कि जुर्माना अदा न करने पर आरोपी को अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. सजा सुनाने के बाद जेल (jail) से कोर्ट लाए गए आरोपी को फिर से जेल भेज दिया गया.
पति ने पत्नी की गला दबाकर की थी हत्या
दरअसल मई 2016 में रुड़की आजाद नगर के मनीष अरोड़ा 26 साल की पत्नी पद्मनी अरोड़ा को 19 मई की शाम को बीडी पांडे जिला अस्पताल में लाया था. चिकित्सक ने जांच के बाद महिला को मृत घोषित कर दिया था. जब शव को मोर्चरी में भेजने लगे तो मनीष चिकित्सक से शव घर रुड़की ले जाने की जिद करने लगा और शव को लेकर रुड़की चला गया. इसकी खबर जब पद्मनी के मायके वालों को मिली तो वे मौके पर पहुंचे और शव का पोस्टमार्टम करवाया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पद्मनी की गला दबाकर हत्या होने की पुष्टि हो गयी, जिसके बाद मनीष अरोड़ा के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ.
हत्या के सबूत छिपाने व दहेज उत्पीड़न में माना दोषीमुकदमे को नैनीताल स्थानांतरित कर दिया गया. पिछले दिनों कोर्ट ने मनीष अरोड़ा को हत्या के सबूत छिपाने व दहेज उत्पीड़न में दोषी माना था. अब कोर्ट ने इस पर आजीवन कारावास की सजा सुना दी है. वहीं कोर्ट ने दोषी वकील की 9 साल की बेटी के लिये विधिक सेवा प्राधिकरण को भी आदेश जारी किया है कि पीड़ित प्रतिकर योजना का लाभ दें.
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पति ने पत्नी की गला दबाकर की थी हत्या
दरअसल मई 2016 में रुड़की आजाद नगर के मनीष अरोड़ा 26 साल की पत्नी पद्मनी अरोड़ा को 19 मई की शाम को बीडी पांडे जिला अस्पताल में लाया था. चिकित्सक ने जांच के बाद महिला को मृत घोषित कर दिया था. जब शव को मोर्चरी में भेजने लगे तो मनीष चिकित्सक से शव घर रुड़की ले जाने की जिद करने लगा और शव को लेकर रुड़की चला गया. इसकी खबर जब पद्मनी के मायके वालों को मिली तो वे मौके पर पहुंचे और शव का पोस्टमार्टम करवाया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पद्मनी की गला दबाकर हत्या होने की पुष्टि हो गयी, जिसके बाद मनीष अरोड़ा के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ.
हत्या के सबूत छिपाने व दहेज उत्पीड़न में माना दोषीमुकदमे को नैनीताल स्थानांतरित कर दिया गया. पिछले दिनों कोर्ट ने मनीष अरोड़ा को हत्या के सबूत छिपाने व दहेज उत्पीड़न में दोषी माना था. अब कोर्ट ने इस पर आजीवन कारावास की सजा सुना दी है. वहीं कोर्ट ने दोषी वकील की 9 साल की बेटी के लिये विधिक सेवा प्राधिकरण को भी आदेश जारी किया है कि पीड़ित प्रतिकर योजना का लाभ दें.
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First published: November 24, 2019, 10:07 AM IST
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