हाईकोर्ट का फैसला: बद्रीनाथ हाईवे से 2 महीने में हटेगा अतिक्रमण, पहले होगी दस्तावेज की जांच

बद्रीनाथ हाईवे को लेकर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला.
Nainital News: हाईकोर्ट (High Court) ने साफ निर्देश दिया है कि कार्रवाई करने से पहले अतिक्रमणकारियों के दस्तावेजों की जांच होगी.
- News18 Uttarakhand
- Last Updated: February 26, 2021, 1:01 AM IST
नैनीताल. उत्तराखंड के कोटद्वार (Kotdwar) में नजूल भूमि और बद्रीनाथ हाईवे (Badrinath highway) से 2 महीने के भीतर अतिक्रमण को हटाने का आदेश दिया है. अपने पू्र्व आदेश में संसोधन कर कोर्ट ने कहा है कि सभी अवैध अतिक्रमणकारियों के 15 दिन के भीतर दस्तावेजों की जांच करें. इसके बाद अतिक्रमण को नियम के तहत हटाएं. हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस आरएस चौहान और जस्टिस आलोक कुमार की खंडपीठ में अतिक्रमणकरियों की याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने ये फैसला दिया है. कोर्ट ने साफ किया है कि अतिक्रमण पर कार्रवाई से पहले अतिक्रमणकारियों के सभी कागजों की जांच की जाए. सुनवाई के बाद उनको नियम के तहत 2 महीने के दौरान हटाया जाए.
हाई कोर्ट पहले भी दे चुका है अतिक्रमण हटाने के आदेश
दरअसल, हाईकोर्ट ने मुजिब नैथानी ने जनहित याचिका दाखिल की थी. याचिका में कहा गया था कि बद्रीनाथ रोड पर सालों से लगातार अतिक्रमण हो रहा है. नजूल भूमि पर भी लोगों द्वारा कब्जा किया गया है. याचिका में कहा गया था कि बद्रीनाथ सड़क में अतिक्रमण के बाद सड़क की चौड़ाई कम हो गयी है जिससे लगातार परेशानियां खड़ी हो रही हैं. आये दिन जाम से भी लोगों को गुजरना पड़ता है. याचिका में मुजीब नैथानी ने अतिक्रमण हटाने की मांग की थी जिस पर हाई कोर्ट ने 11 नवम्बर 2020 को 8 हफ्तों के भीतर बद्रीनाथ रोड़ व नजूल भूमि से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिए थे.
ये भी पढ़ें: सरकार का फैसला, इन राज्यों से आने वालों को दिखाना होगा कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट, तभी मिलेगी राजस्थान में एंट्रीइसके बाद अतिक्रमणकारियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की तो उच्च अदालत ने यथास्थिति बनाए रखने के आदेश जारी कर दिए थे. हालांकि अब कई अतिक्रमणकारियों ने हाईकोर्ट ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई थी जिस पर कोर्ट ने 2 महीने का समय नगर निगम को दिया है. मुजीब नैथानी के अधिवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि हाई कोर्ट ने अपने आदेश में संसोधन जरूर किया है लेकिन किसी भी अतिक्रमणकारी को कोई राहत नहीं है. इस आदेश के बाद 2 महीने के भीतर कार्रवाई करनी होगी.
हाई कोर्ट पहले भी दे चुका है अतिक्रमण हटाने के आदेश
दरअसल, हाईकोर्ट ने मुजिब नैथानी ने जनहित याचिका दाखिल की थी. याचिका में कहा गया था कि बद्रीनाथ रोड पर सालों से लगातार अतिक्रमण हो रहा है. नजूल भूमि पर भी लोगों द्वारा कब्जा किया गया है. याचिका में कहा गया था कि बद्रीनाथ सड़क में अतिक्रमण के बाद सड़क की चौड़ाई कम हो गयी है जिससे लगातार परेशानियां खड़ी हो रही हैं. आये दिन जाम से भी लोगों को गुजरना पड़ता है. याचिका में मुजीब नैथानी ने अतिक्रमण हटाने की मांग की थी जिस पर हाई कोर्ट ने 11 नवम्बर 2020 को 8 हफ्तों के भीतर बद्रीनाथ रोड़ व नजूल भूमि से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिए थे.