स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर उत्तराखंड में इंटर्न डॉक्टर हड़ताल कर रहे हैं. (File Photo)
नैनीताल. उत्तराखंड के इंटर्न डॉक्टरों के स्टाइपेंड मामले में एक अहम मोड़ तब आया जब हाईकोर्ट ने इसमें डॉक्टरों के पक्ष में रुख दिखाया. उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से कहा कि इन डॉक्टरों के स्टाइपेंड की रकम को बढ़ाने की हर संभावना पर विचार किया जाए. कोर्ट ने यह निर्देश देते हुए ज़ोर देकर कहा कि अन्य राज्यों के मुकाबले उत्तराखंड में यह स्टाइपेंड कम है, जबकि 'राज्य में ज़रूरत होने के बावजूद सेवा देने के संदर्भ में डॉक्टरों के लिए कोई आकर्षण नहीं है. सरकार को इस बारे में सही फैसला लेना चाहिए.'
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस राघवेंद्र सिंह चौहान और जस्टिस आलोक कुमार वर्मा की पीठ ने राज्य के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के सचिव को ये निर्देश जारी किए. वास्तव में, हाईकोर्ट कोविड 19 महामारी से जुड़ी कुछ जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है. इनमें से एक पीआईएल में अभिजय नेगी ने संक्रमण की तीसरी लहर से जुड़े मुद्दों के साथ इंटर्न डॉक्टरों के स्टाइपेंड का मुद्दा भी उठाया है. दूसरी ओर, ये इंटर्न डॉक्टर लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
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