रिपोर्ट- हिमांशु जोशी, नैनीताल
उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में पाया जाने वाला हिसालू (Hisalu Fruit) जंगली लेकिन रस से भरा हुआ फल है. यह दिखने में जितना आकर्षक है, उतना ही औषधीय गुणों से भी भरपूर है. यह फल अप्रैल-मई के महीने में रूखी-सूखी जमीन पर होने वाली झाड़ी पर उगता है. इसका बॉटनिकल नाम रूबस एलिप्टिकस (Rubus Elipticus) है. हिसालू का फल 700 से 2000 मीटर की ऊंचाई पर मिलता है. इसे ‘हिमालयन रसबरी’ (Himalayan Raspberry) के नाम से भी जाना जाता है.
हिसालू फल दो तरह का होता है, काला और पीला. काले रंग का हिसालू काफी कम पाया जाता है, हालांकि पीले रंग का हिसालू ज्यादातर देखने को मिल जाएगा. यह फल बेहद ही कोमल होता है. हल्के हाथ से दबाते ही इसका रस बाहर आने रखता है और टूटने के 2 से 3 घंटे के अंदर ही इसका फल खराब हो जाता है. स्वाद के साथ-साथ इस फल में औषधीय गुण भी मौजूद हैं.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |