सलमान खुर्शीद के घर आगज़नी और गोलीकांड मामले में हाई कोर्ट का बड़ा आदेश आया.
नैनीताल. कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद के घर आगजनी और गोली चलाने के मुख्य आरोपी राकेश कपिल की गिरफ्तारी पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी. कोर्ट ने कोई पासपोर्ट होने पर उसको जमा करने और जांच में सहयोग करने का आदेश भी कपिल को दिया. इससे पहले हाई कोर्ट ने इस केस के एक और आरोपी कुंदन चिलवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए उसे भी राहत दी थी. हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद अब सलमान खुर्शीद के वकील सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने जा रहे हैं. खुर्शीद के वकील रविन्द्र बिष्ट ने कहा कि जल्द ही कुंदन लटवाल और राकेश कपिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की जाएगी.
आगजनी और गोलीबारी के मुख्य आरोपी राकेश कपिल ने गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग करते हुए कहा था कि जो इस केस में आरोपी थे और जिन्होंने आगजनी और गोली चलाने का काम किया, उनको गिरफ्तार किया जा चुका है. कपिल ने कहा था कि उन्हें बेवजह राजनैतिक कारणों के चलते फंसाया जा रहा है. बता दें कि 15 नवम्बर को कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद के मुक्तेश्वर वाले घर में उनकी किताब का विरोध करने कुछ हिंदूवादी संगठनों के लोगों ने न सिर्फ घर के दरवाजे को आग लगा दी थी, बल्कि कई राउण्ड फायरिंग कर केयर टेकर को धमकी देने के साथ मारने का भी प्रयास किया गया था.
पुलिस ने कैसे लिया था एक्शन?
घटना के दिन पुलिस ने तत्काल इस मामले में राकेश कपिल को मुख्य आरोपी बनाते हुए मुकदमा दर्ज किया था और बाद में 4 आरोपियों चंदन लोधियाल, उमेश मेहता, राजकुमार मेहता, कृष्ण बिष्ट को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. एक और आरोपी बीजेपी मण्डल अध्यक्ष कुंदन चिलवाल को कोर्ट से पहले ही राहत मिल चुकी है. कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए कहा कि जांच में कुंदन सहयोग नहीं करते हैं, तो उनको 41 का नोटिस देकर पुलिस गिरफ्तार कर सकती है.
कोर्ट के आदेशों के बाद भी 2 साल से नो एक्शन!
इधर, नैनीताल की सूखाताल झील से 2 साल बाद भी अवैध अतिक्रमण को हटाया नहीं जा सका है. इससे झील के सौन्दर्यकरण पर सवाल उठ रहे हैं. हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी ज़िला प्रशासन और प्राधिकरण ने 40 से ज्यादा अतिक्रमणों को हटाने में नाकाम रहा है. कई बार अधिकारियों के दौरे के बाद चिह्नित अतिक्रमणकारियों को हटाने के निर्देशों के बाद भी कार्रवाई अब तक सिफर ही रही है.
बतादें कि नैनीताल सूखाताल झील को लेकर हाईकोर्ट ने अवैध अतिक्रमण हटाने के साथ झील को पुराने स्वरुप में लाने का आदेश दिया था, जिसके बाद 20 करोड़ से ज्यादा की लागत से सौन्दर्यीकरण का काम यहां किया जा रहा है. हांलाकि अब कोर्ट के आदेशों की अवमानना पर नोटिस देने की बात अधिकारी कर रहे हैं. कुमाऊँ मण्डल के कमिश्नर दीपक रावत ने कहा कि इस मामले में जवाब तलब किए जा रहे हैं और आगे भी एक्शन लिये जाएंगे.
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