उत्तराखंड: जानिए निर्दलीयों ने कैसे बिगाड़ा कांग्रेस-बीजेपी का खेल
उत्तराखंड: जानिए निर्दलीयों ने कैसे बिगाड़ा कांग्रेस-बीजेपी का खेल
उत्तराखंड में चौथी विधानसभा के लिए मतदान होने के बाद सभी को 11 मार्च को होने वाली मतगणना का इंतजार है.
वैसे तो अभी तक उत्तराखंड में हुए हर विधानसभा चुनाव में तीन-तीन निर्दलीय प्रत्याशी ही विधायक बन पाए हैं. लेकिन पिछले चुनाव इस बात के गवाह हैं, 7 अन्य सीटों पर उन्हें जीत छूकर निकल गई थी. निर्दलीयों ने 20 से ज्यादा सीटों पर 5 से 15 हजार के बीच वोट हासिल करके कांग्रेस बीजेपी के स्पष्ट बहुमत पर ब्रेक लगा दिया था. इस बार फिर हालात पहले से जुदा नहीं हैं.
वैसे तो अभी तक उत्तराखंड में हुए हर विधानसभा चुनाव में तीन-तीन निर्दलीय प्रत्याशी ही विधायक बन पाए हैं. लेकिन पिछले चुनाव इस बात के गवाह हैं, 7 अन्य सीटों पर उन्हें जीत छूकर निकल गई थी. निर्दलीयों ने 20 से ज्यादा सीटों पर 5 से 15 हजार के बीच वोट हासिल करके कांग्रेस बीजेपी के स्पष्ट बहुमत पर ब्रेक लगा दिया था. इस बार फिर हालात पहले से जुदा नहीं हैं.
उत्तराखंड में चौथी विधानसभा के लिए मतदान होने के बाद सभी को 11 मार्च को होने वाली मतगणना का इंतजार है. हालांकि कांग्रेस और बीजेपी दोनों के स्पष्ट बहुमत हासिल करने के दावे हैं. लेकिन 2012 यानि पिछले विधानसभा चुनावों में नजर आई निर्दलीय उम्मीदवारों की ताकत को देखकर ये एकदम आसान नहीं लगता है. आपको बता देँ कि पिछली दफा तीन निर्दलीय प्रत्याशी ना सिर्फ विधायक बने बल्कि हरीश रावत सरकार में मंत्री भी हैं.
सीट---निर्दलीय उम्मीदवार---वोट---टोटल टर्नओवर
देवप्रयाग---मंत्री प्रसाद नैथानी---12294---39317
टिहरी---दिनेश धनै---12026---39757
लालकुंआ---हरीश चंद्र दुर्गापाल---25189---67208
आईए अब बात करते हैं पिछले चुनाव के उन निर्दलीय उम्मीदवारों की जिन्हें जीत छू कर निकल गई थी. 70 सदस्यीय उत्तराखंड विधानसभा में 7 निर्दलीय प्रत्याशियों ने टोटल टर्नओवर में कमोबेश एक चौथाई वोट हासिल किए थे.
जिनमें गदरपुर से जरनैल सिंह काली, सोमेश्वर में रेखा आर्य और रानीपुर से अंबरीश कुमार तो रनर अप रहे हैं. भले ही ये निर्दलीय प्रत्याशी विधायक नहीं बन पाए, लेकिन इन्होंने अपनी अपनी सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला दिया. नतीजतन कांग्रेस बीजेपी के अधिकृत प्रत्याशियों का खेल बिगड़ गया था.
इसके अलावा पिछले विधानसभा चुनावों में 5 निर्दलीयों ने 10 से 15 हजार के बीच वोट हासिल किए साथी 16 विधानसभा सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशियों ने 5 से 10 हजार के बीच वोट प्राप्त किए थे.
10 हजार से ज्यादा वोट हासिल करने वाले निर्दलीय
खटीमा से रमेश सिहं राणा
लक्सर से ताहिर हसन
कालाढूंगी से महेश शर्मा
डोईवाला से एसपी सिंह
धनोल्टी से जोत सिंह विष्ट
5 से 10 हजार के बीच वोट हासिल करने वाले निर्दलीय
मसूरी से गोदावरी थापली
डोईवाला से जयदीप
रूद्रप्रयाग से भरत सिंह
प्रतापनगर से राजेश्वर पैनयूली
बाजपुर से राजकुमार
सितारगंज से अनवर अहमद
देवप्रयाग से महीपाल सिंह
कर्णप्रयाग से अनिल नौटियाल
अल्मोडा से कैलाश शर्मा
गंगोत्री से सुरेश सिंह
चौबटटाखाल से यशपाल बेनाम
धनोल्टी से राजेश
बदरीनाथ से मदन बिष्ट
सहसपुर से लक्ष्मी अग्रवाल
सहसपुर से राकेश
गंगोत्री से किशन सिंह
खास बात ये है कि पिछली बार के इन निर्दलीयों में इस बार गोदावरी थापली और अंबरीश कुमार कांग्रेस और भरत सिंह बीजेपी के सिंबल पर चुनाव लडि़ रहे हैं. जबकि कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर गदरपुर से जरनैल सिंह काली गदरपुर में बसपा से और महेश शर्मा इस बार भी कालाढूंगी में बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं. वहीं बीजेपी से टिकट ना मिलने पर लक्ष्मी अग्रवाल सहसपुर और प्रताप नगर में राजेश्वर पैन्यूली फिर निर्दलीय ताल ठोंक रहे हैं.