रिपोर्ट- हिमांशु जोशी
नैनीताल. उत्तराखंड सरकार लगातार पशु धन बीमा के लिए पशुपालकों को प्रोत्साहित कर रही है. इससे किसी भी बीमारी या आपदा से अगर किसी पशु की मौत होती है तो आर्थिक नुक्सान की भरपाई की जा सकती है. पहाड़ी इलाकों में पशुधन बीमा करवाने पर सरकार की तरफ से 80 प्रतिशत तक छूट मिल रही है. इस वर्ष विभाग की तरफ से 1 लाख 75 हजार पशुओं का बीमा करवाने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए बीते महीने तक विभाग ने विशेष अभियान भी चलाया था.
मामले में नैनीताल के पशुचिकित्साधिकारी डॉ हेमा राठौर ने बताया कि नैनीताल में कई ऐसे पशुपालक हैं, जिनका व्यवसाय उनके जानवरों पर ही निर्भर है. इनमें गाय, भैंस, भेड़, बकरी, घोड़े, खच्चर शामिल हैं. अक्सर इन जानवरों के अचानक बीमार होने या फिर किसी आपदा की चपेट में आने से मौत हो जाती है जिस वजह से बीमा ना होने के कारण सारा आर्थिक नुक्सान पशुपालकों को ही उठाना पड़ता है. इसलिए कोई भी पशुपालक अपने पशुओं का बीमा करवा सकते हैं. इसमें कुत्ते और बिल्ली के अलावा अन्य व्यवसाय से जुड़े जानवरों का बीमा किया जा सकता है.
केंद्र सरकार और उत्तराखंड सरकार की तरफ से पहाड़ी इलाकों में बीपीएल, एससी, एसटी वर्ग में पशुपालकों को पूरे 80 प्रतिशत तक प्रीमियम राशि से छूट मिल रही है. इसमें से केवल 20 प्रतिशत राशि ही पशुपालकों से ली जानी है. इसके अलावा सामन्य वर्ग के पशुपालकों को 60 प्रतिशत तक की छूट है. साथ ही मैदानी इलाकों में बीपीएल, एससी, एसटी वर्ग को 70 प्रतिशत की छूट है और सामन्य को 50 प्रतिशत की छूट है.
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