(रिपोर्ट- हिमांशु जोशी)
नैनीताल. उत्तराखंड का गठन हुए 21 साल पूरे हो गए हैं, लेकिन राज्य के खूबसूरत नैनीताल जिले का एक गांव ऐसा भी है, जहां के घरों में आज तक जल संस्थान की कोई पाइपलाइन पहुंची ही नहीं है. जिले के मुख्यालय से महज 15 किलोमीटर दूर खूपी गांव में इतने वर्षों से पानी की पाइपलाइन नहीं पहुंच पायी है. यही वजह है कि यहां रहने वाले लोग आज तक अपने घरों के पास स्थित गधेरों और स्रोतों से ही पानी लाकर इस्तेमाल करते आए हैं.
जिन ग्रामीणों के घर गधेरों-स्रोतों से नजदीक हैं, उन्होंने निजी स्तर पर अपने घर पर ही गधेरों से पाइप जोड़े हुए हैं. वहीं, जिनके घर प्राकृतिक स्रोतों से दूर हैं, उन्हें लगभग 3 से 4 किलोमीटर पैदल चलकर पानी भरकर लाना पड़ता है.
ग्रामीणों ने कही बात
खूपी गांव के ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने नेताओं और अधिकारियों से मुलाकात कर कई बार पानी की पाइपलाइन बिछाने की मांग की है, लेकिन हर बार उनकी मांग को अनसुना कर दिया गया. चुनाव के समय यहां वोट मांगने के लिए नेता जरूर आते हैं, पानी देने का वादा भी किया जाता है. वहीं, चुनाव बीतते ही वह वादा भी बीत जाता है. खूपी की प्रधान अनिता ने कहा कि गांव में जल संस्थान की पानी की लाइन है या नहीं, इस बात की उन्हें जानकारी नहीं है. बीते साल आपदा के दौरान ग्राम सभा स्तर से इस गांव में पानी की आपूर्ति कराई गई थी. गांव को ‘हर घर नल, हर घर जल’ योजना का लाभ भी अभी तक नहीं मिल सका है, इसके लिए वह प्रयासरत हैं.
बता चलें कि नैनीताल विधानसभा में आने वाले इस गांव में लगभग 80 से 90 परिवार रहते हैं. नैनीताल के सांसद और विधायक बदलते रहे, लेकिन आज तक इस गांव को पानी की एक अदद पाइपलाइन नसीब नहीं हो सकी है.
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