रिपोर्ट : हिमांशु जोशी
नैनीताल. उत्तराखंड के नैनीताल को सरोवर नगरी कहा गया है. राज्य में नैनीताल को झीलों का जिला (Lake District in Uttarakhand) भी कहा गया है. इस जिले में कई तरह की झीलें देखने को मिल जाएंगी. यहां की भीमताल झील हो, सातताल झील हो या फिर नौकुचियाताल झील, ये सभी झीलें पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं. हालांकि यहां कुछ ऐसी झीलें भी हैं, जो साल में केवल कुछ ही महीने तक देखने को मिलेंगी. इन्हीं में एक नाम आता है गेठिया ताल (Gethiya Lake in Nainital) का.
नैनीताल मुख्यालय से लगभग 14 किलोमीटर की दूरी पर गेठिया नामक एक गांव है. यह गांव खेतीबाड़ी के लिए जाना जाता है. यहां स्थित पायलट बाबा का भव्य आश्रम भी पर्यटकों को काफी लुभाता है. इस आश्रम के नजदीक एक घने जंगल के बीचोंबीच एक मैदान है, जिसका आकार एक कटोरी के जैसा है. बीच में काफी गहरा होने की वजह से बरसात के दौरान होने वाली बारिश का पानी इसमें भर जाता है. लगभग 4-5 महीने तक इसमें पानी रहता है जो अक्टूबर-नवंबर की धूप की वजह से धीरे-धीरे सूखता रहता है. इस पूरी प्रक्रिया में 4 महीने लग जाते हैं. बारिश के पानी की वजह से यह कुछ समय के लिए अस्थायी ताल का रूप ले लेता है. स्थानीय लोग इस मैदान को गेठिया ताल के नाम से बुलाते हैं.
स्थानीय निवासी इंदर नेगी ने बताया कि बरसात के बाद इस मैदान में पानी भर जाता है, जो इसे झील का आकार दे देता है. यह पानी कई गांवों के लिए जलस्रोत का भी काम करता है. इस तालाब को स्थायी तरीके से हमेशा के लिए भी भरा रखा जा सकता है. यदि कोशिश की जाए, तो बलियानाले का पानी सीधे इस मैदान में डालकर इसे हमेशा के लिए झील का रूप दिया जा सकता है. ऐसा किए जाने से यह बेहतर पर्यटन के अवसर भी ला सकता है.
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Tags: Nainital news, Rainy Season, Uttarakhand news
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