सरोवर नगरी कहे जाने वाला नैनीताल अपनी नैनी झील के लिए दुनियाभर में मशहूर है. यहां का ताल लोगों को अपनी ओर खासा आकर्षित करता है, लेकिन अब इस झील पर खतरा मंडरा रहा है. घटता जलस्तर इसकी वजह है. बीते कुछ वर्षों में झील का स्तर ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन दोनों समय पर कम रहा है. गर्मी के दौरान तो जलस्तर माइनस से भी नीचे पहुंच जाता है.
बीती 10 जनवरी को नैनी झील का जलस्तर 9 फीट 6 इंच था. साल 1999 की बात करें तो यह स्तर तब 10 जनवरी की ही तारीख में 10 फीट 5 इंच था. साल 2016 की जनवरी में ही यह स्तर तीन फीट 5 इंच नापा गया था, तो वहीं साल 2017 में यह एक फीट 6 इंच तक जा पहुंचा था. बीते कुछ समय में इस गिरते जल स्तर को वापस लाने की कोशिश में रोस्टर सिस्टम लागू किया गया था, लेकिन इसके बावजूद भी झील का प्राकृतिक स्तर घटता ही जा रहा है.
झील के इस घटते जलस्तर की वजहों पर ध्यान दें, तो नैनीताल में हुए अतिक्रमण और इसके रिचार्ज जोन में हुए निर्माण इसकी वजह हैं. पर्यावरणविद् अजय रावत बताते हैं कि 90 के दशक में नैनीताल में घर बनाने की गति न के बराबर थी, लेकिन साल 2000 के बाद से नैनीताल में अवैध तरीके से निर्माण हुए और साथ ही झील के रिचार्ज जोन पर भी लोगों ने निर्माण कर लिया. इस वजह से नैनी झील को लगातार रिचार्ज करने वाले छोटे-छोटे तालाब सूखते चले गए.
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