रिपोर्ट- हिमांशु जोशी, नैनीताल
देशभर में खासकर हिंदी रंग जगत में ऐसी काफी कम संस्थाएं रह गई हैं, जो पूरी शिद्दत के साथ संस्कृति और रंगकर्म से लगातार उन्नति कर रही हैं. इन्हीं में एक नाम है नैनीताल के ‘युगमंच’ (Yugmanch Nainital) का. साल 1976 में स्थापित इस मंच ने अपने चार दशकों में फिल्म और थिएटर जगत को काफी बड़े कलाकार दिए हैं, लेकिन आज इसकी हालत बदहाल है. नैनीताल में ऑडिटोरियम का ना होना कलाकारों के लिए बड़ी समस्या है.
‘युगमंच’ के वरिष्ठ कलाकार जहूर आलम ने बताया कि साल 1977 में यहां से पहले कलाकार ललित मोहन तिवारी का एनएसडी (NSD) में चयन हुआ था. इसके बाद यहां के कई कलाकार एनएसडी और साथ ही एफटीआईआई (FTII) में चयनित हुए. कई बार उनकी संस्था ने वर्कशॉप का आयोजन भी किया है, जिसमें एक बार जाने-माने अभिनेता अनुपम खेर ने भी हिस्सा लिया था.
युगमंच का हिस्सा थे दिवंगत अभिनेता निर्मल पांडे
‘युगमंच’ ने फिल्म जगत को भी कई बड़े कलाकार दिए हैं. दिवंगत अभिनेता निर्मल पांडे भी इसी मंच से निकले नायाब कलाकार थे. भले ही युगमंच वर्षों से फिल्म जगत को बड़े कलाकार देता आया हो, लेकिन इसके बावजूद यह थिएटर ग्रुप समस्याओं से घिरा रहा है. इसमें सबसे बड़ी दिक्कत है नैनीताल में ऑडिटोरियम का ना होना. ना ही जिला प्रशासन और ना ही नेताओं ने कभी ‘युगमंच’ की सुध ली, अगर ऐसा होता तो आज यह संस्था पूरे भारत में नैनीताल और उत्तराखंड का नाम रोशन कर रही होती.
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