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Pasan Devi Temple: नैनीताल की झील से प्रकट हुई थी मां भगवती, पहाड़ी पर एक साथ होते हैं देवी के 9 रूपों के दर्शन

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नैनीताल

नैनीताल की ठंडी सड़क में मां पाषाण देवी का मंदिर स्थित है.

Pasan Devi Temple Nainital: पाषाण देवी को नैनीताल की सबसे प्राचीन देवी माना जाता है. जितनी पुरानी नैनीताल की झील है, उत ...अधिक पढ़ें

सीमा नाथ
नैनीताल
. उत्तराखंड को यूं ही देवभूमि नहीं कहा जाता है. यहां कण-कण में देवों का वास है. यहां कई ऐसे मंदिर हैं, जिनकी अपनी महत्वता और पुराणों से जुड़ी कहानियां तो हैं ही, साथ में कई वर्षों पुराना इतिहास भी है. ऐसा ही एक पौराणिक मंदिर नैनीताल की ठंडी सड़क में भी स्थित है, जिसे पाषाण देवी के नाम से जाना जाता है. पाषाण देवी को नैनीताल की सबसे प्राचीन देवी माना जाता है. जितनी पुरानी नैनीताल की झील है, उतना ही पुराना मां भगवती का यह स्वरूप भी माना गया है. मान्यता है कि इस मंदिर में मां भगवती की 9 पिंडियां अपने आप अवतरित होकर आई थीं. पहाड़ी में देवी मां के 9 रूप दिखाई देते हैं. इन्हीं 9 रूपों की वजह से पूरे नैनीताल में सिर्फ पाषाण देवी ही हैं, जिन्हें नव दुर्गा के रूप में भी पूजा जाता है.

देवी मां के गर्दन से ऊपरी शरीर का हिस्सा, आंखें, कान, नाक प्रत्यक्ष रूप से दिखते हैं और गर्दन से नीचे का शरीर जैसे उनकी भुजाएं और पादुकाएं ताल के अंदर विराजमान हैं. देवी का यह रूप ताल के अंदर से अपने आप प्रकट हुआ था. पत्थर पर 8 रूप पिंडियों के हैं और एक रूप मुख के रूप में प्रकट हुआ था.

मंदिर के पुजारी जगदीश भट्ट ने बताया कि देवी मां की यह एक प्राकृतिक मूर्ति है और इसमें किसी भी प्रकार का कोई बदलाव नहीं किया गया है. यहां वस्त्र के रूप में सिंदूर चढ़ाने की मान्यता है. सुबह देवी को स्नान कराने के बाद सिंदूर का चोला वस्त्र के रूप में चढ़ाया जाता है. उन्होंने बताया कि नवरात्रि में इसका महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है क्योंकि यहां मां की नौ पिंडिया पहाड़ी में मौजूद हैं, जिनके दर्शन के लिए स्थानीय ही नहीं बल्कि दूरदराज से भी लोग यहां मां की पूजा अर्चना करने आते हैं. यहां आने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं मां पाषाण देवी पूरी करती हैं.

नव दुर्गा के रूप में पूजी जाती हैं मां पाषाण देवी
नैनीताल की ठंडी सड़क में स्थित प्राचीन मां पाषाण देवी मंदिर में मौजूद देवी को नव दुर्गा के नौ रूप मां शैलपुत्री, मां ब्रह्मचारिणी, मां चंद्रघंटा, मां कूष्मांडा, मां स्कंदमाता, मां कात्यायनी, मां कालरात्रि, मां महागौरी, मां सिद्धिदात्री के रूप में पूजा जाता है. मंदिर में सुबह-शाम आरती होती है. यहां आप प्रातः 5 बजे से लेकर शाम 7 बजे तक माता के दर्शन कर सकते हैं.

Tags: Dharma Aastha, Durga Pooja, Hindu Temple, Nainital news, Nainital tourist places, Uttrakhand

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