वन विभाग मनुष्यों और वन्य जीवों के बीच टकराव की स्थिति को टालने के प्रयास में जुटा है (फाइल फोटो)
रामनगर. उत्तराखंड में वन्य जीवों (Wild Life) के साथ संघर्ष में मानव क्षति होने पर दिया जाने वाला मुआवजा (Compensation) बढ़ा दिया गया है. अभी तक यह मुआवजा तीन लाख रुपये दिया जाता था, पर अब इसमें एक लाख की बढ़ोतरी कर इसे चार लाख रूपये कर दिया गया है. सोमवार को यह जानकारी रामनगर (Ramnagar) पहुंचे प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी ने दी. उन्होंने कहा कि मनुष्यों से वन्य जीवों के टकराव को कम करने के लिए कई उपायों पर काम चल रहा है, जिनमें प्रमुख रूप से कॉर्बेट (Jim Corbet) में वोलेंट्री विलेज प्रोटेक्शन फोर्स का गठन किया जा रहा है. इसके तहत 98 लोगों को प्रशिक्षित किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि यह ट्रेंड लोग आबादी के पास आ रहे वन्य जीवों पर नजर रख उन्हें रेस्क्यू करने में मदद करेंगे. इसके साथ ही ढेला में रेस्क्यू सेंटर की स्थापना की जा रही है जिससे यहां घायल और बीमार वन्य जीवों का इलाज किया जा सके. भरतरी ने कहा कि वन विभाग और स्थानीय जनता की भागीदारी से ही वन्य जीवों की संख्या बढ़ी है, जो गौरव की बात है. लेकिन दोनों के बीच बढ़ते संघर्ष को कम करना भी बहुत बड़ी चुनौती है. उन्होंने बाघ और हाथी जैसे वन्य जीवों के बढ़ने पर जहां खुशी जताई. वहीं मनुष्यों और वन्य जीवों के बीच संघर्ष को कम करने को विभाग की प्राथमिकता बताई.
प्रमुख वन संरक्षक ने वन्य जीवों की गणना कर उनका डेटा जुटाने पर भी बल दिया. अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, गैरसैण और हल्द्वानी में बंदर बाड़े बनाए जाएंगे. उन्होंने बताया कि इसके लिए कैंपा से बजट रिलीज हो गया है. कॉर्बेट में टूरिज्म के बढ़ते दबाव को कम करने के लिए वन पंचायतों में भी पर्यटन गतिविधियां शुरू करने पर विचार किया जा रहा है. उन्होंने यहां पर्यटन कारोबारियों से बात करते हुए आमडंडा में दो मंजिला पार्किंग बनाने पर सहमति दी.
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