अल्मोड़ा के सभी पेट्रोल पंपों में ईंधन खत्म हुआ.
नैनीताल/देहरादून. उत्तराखंड में आसमानी आपदा का असर अब आम जनजीवन पर साफ तौर पर दिख रहा है. रविवार से मंगलवार तक भारी बारिश के कारण सबसे ज़्यादा प्रभावित कुमाऊं अंचल रहा, जहां नैनीताल में ही करीब 28 मौतें हुईं. अब नैनीताल के लोग सड़कों पर उतर आए हैं और पानी व बच्चों के लिए दूध तक की आपूर्ति न होने के खिलाफ शासन प्रशासन को कोस रहे हैं. वहीं, चंपावत में पेट्रोल और डीज़ल खत्म होने की कगार पर हैं तो अल्मोड़ा के पेट्रोल पंपों में तो बाकायदा परचा लिखकर टांग दिया गया है कि ‘पेट्रोल खत्म हो चुका है.’ अब सरकारी इंतज़ामों और दावों के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूटता दिख रहा है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हवाई दौरे के बाद सरकार की तरफ से सभी इंतज़ाम करवाए जाने और रास्ते खुलवाने के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन स्थानीय लोगों की मानें तो हकीकत कुछ और ही है. छड़ा गांव के प्रधान कन्नू गोस्वामी ने न्यूज़18 को बताया कि उनकी समस्याओं की कोई सुध नहीं ले रहा है. ‘ज़िला प्रधान अपनी समस्या खुद सुलझाने को कह रहे हैं और सीएम हवाई दौरा करके रामगढ़ से लौट गए, यहां नैनीताल की जनता से मिले भी नहीं.’
बच्चों ने लगाए ‘दूध दो, दूध दो’ के नारे
भारी बारिश की आपदा के बाद नैनीताल में पीने के पानी और दूध की सप्लाई का संकट खड़ा हो गया है. न्यूज़18 संवाददाता वीरेंद्र बिष्ट ने मुश्किल भरे रास्तों पर किसी तरह जाकर ग्रामीणों से मुलाकात की और बताया कि यहां पानी और दूध न मिलने के कारण हालात बहुत कठिन हो रहे हैं. वहीं, नैनीताल के ग्रामीण इलाकों में बच्चे और बूढ़े धरने पर बैठकर प्रशासन से बुनियादी चीज़ें मांगते दिखे. व्यापार मंडल के भरत नैनवाल ने कहा कि 6 दिनों से पानी और दूध नहीं मिल रहा, यहां फंसे 200 प्रवासी भूख से बेहाल हैं.
अल्मोड़ा और चंपावत में सप्लाई ठप
टकनपुर-पिथौरागढ़-देवीधूरा हाईवे के बंद होने से वाहनों की आवाजाही थम गई है इसलिए चंपावत में पेट्रोल डीज़ल की सप्लाई बुरी तरह प्रभावित है. यहां पेट्रोल पंपों में ईंधन खत्म होने की कगार पर पहुंच गया है. तेल की लोडेड गाड़ियां रास्तों में फंसी हुई बताई जा रही हैं. वहीं, डीएम विनीत तोमर का कहना है कि अभी नेशनल हाईवे खुलने दो से तीन दिन का समय और लग सकता है.
दूसरी तरफ, अल्मोड़ा को जोड़ने वाला खैरना भवाली हाईवे भी ठप है और अब इसका सीधा असर आम लोगों के जीवन पर बुरी तरह दिखने लगा है. यहां के सभी पेट्रोल पंपों पर तेल न होने की सूचना के बाकायदा परचे टांग दिए गए हैं. यहां लोगों को रोज़मर्रा की ज़रूरत की चीज़ें भी मिलना मुहाल हो गई हैं. स्थानीय लोगों ने सरकार को पूरी तरह नाकाम बताते हुए कहा कि सप्लाई ठप है और चीज़ों के दाम आसमान पर हैं. एनएच ही अब तक नहीं खुल पाए हैं तो ग्रामीण इलाकों की तो बात ही क्या है.
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