बहुचर्चित संजना बलात्कार व हत्या के मामले में नैनीताल के जिला एवं सत्र न्यायालय ने दीपक आर्या को दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई है। संजना हत्याकांड पूरे उत्तर भारत का पहला ऐसा केस है, जिसमें पुलिस ने डीएनए टेस्ट की मदद से कातिल को पकड़ा गया। गौरतलब है कि महाराष्ट्र पुलिस ने 900 डीएनए टेस्ट कराने के बाद एक मामले में कातिल को पकड़ा था।
पुलिस ने संजना हत्याकांड में 150 से अधिक संदिग्धों से पूछताछ की और 57 लोगों के डीएनए टेस्ट कराए, लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। करीब सात महीने तक पुलिस इस मामले में खाली हाथ नहीं रही। इसके बाद फॉरेंसिक लैब में डीएनए के नमूने भेजे गए और वहीं से पुलिस के हाथ सुराग लगा।
आठ साल की भोली-भाली मासूम संजना को 10 जुलाई 2012 की रात उसके घर से अगवा किया गया था। पहले उसके साथ बलात्कार किया गया और फिर हैवान ने उसे मौत के घाट उतार दिया, लेकिन इसके बाद भी कातिल शांत नहीं हुआ। उसने हत्या के बाद भी लड़की के साथ बलात्कार किया। अगली सुबह जब घरवालों को संजना नहीं मिली तो उन्होंने ग्रामीणों के साथ उसकी तलाश शुरू की। कुछ देर बाद बच्ची की लाश मिली, जिसे देखकर ग्रामीणों और घरवालों के पैरों तले जमीन खिसक गई। इसके बाद पुलिस को मामले की सूचना दी गई और पुलिस ने लंबे संघर्ष के बाद इस केस की गुत्थी को सुलझाया। हालांकि, महीनों तक पुलिस खाली हाथ रही थी, जिसकी वजह से स्थानीय लोगों और संगठनों में असंतोष व्याप्त हो गया था, लेकिन अंत में पुलिस की मेहनत रंग लाई और बलात्कारी पकड़ा गया, जिसे शुक्रवार को इस जघन्य अपराध की सजा मिल गई।
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FIRST PUBLISHED : February 28, 2014, 15:48 IST