उत्तराखंड में 23 दिसंबर से चल रही कोषागार कर्मचारियों की अनिश्चितिकालीन हड़ताल से स्टांप पेपर की बिक्री पर संकट गहरा गया है. कचहरी में 10, 20 और 50 रुपए के स्टांप पेपर समाप्त हो गए हैं, जिससे जहां आम लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
वहीं, सरकार को इस हड़ताल की वजह से भारी राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है. फिलहाल मांगें पूरी ना होने पर कर्मचारियों ने अपने आंदोलन को तेज करने की चेतावनी दी है. दरअसल, कर्मचारी अपने ग्रेड पे बढ़ाने के जीओ को जारी करने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रहे हैं. प्रदेश के 17 जिला कोषागार और 70 उपकोषागार के करीब 550 कर्मचारी 23 दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं, जिसकी वजह से सरकार को भारी राजस्व का घाटा हो रहा है.
आपको बता दें कि कोषागार से ही 10, 20 और 50 रुपए के स्टांप जारी होते हैं. बताया जा रहा है रोजाना करीब 10 करोड़ रुपए के स्टांप पेपर की बिक्री होती है. इस तरह से अब तक सरकार को करीब 70 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हो गया है. स्टांप पेपर की कमी के चलते जमीनों की रजिस्ट्री पर भी बुरा असर पड़ रहा है. लोग कचहरी में स्थाई, जाति, निवास, आय के साथ कई तरह के हलफनामे को बनवाने के लिए चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें स्टांप पेपर नहीं मिल रहा है.
वहीं, कचहरी में स्टांप पेपर को ब्लैक में बेचने की भी बात कही जा रही है. कर्मचारियों का कहना है कि अप्रैल 2015 को शासन ने उनके ग्रेड पे को बढ़ाने के लिए मंजूरी दे दी. सभी तरह की औपचारिकताएं पूरी भी कर ली गई, लेकिन अभी अधिकारियों की अनदेखी के चलते जीओ जारी नहीं किया जा रहा है. इसकी वजह से कर्मचारी काफी आक्रोशित हैं. उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगों को पूरी नहीं कर दिया जाता है वे अपनी हड़ताल को समाप्त नहीं करेंगे.
इस तरह से पूरे प्रदेश में स्टांप रजिस्ट्री विभाग को भारी राजस्व की हानि उठानी पड़ रही है. कर्मचारियों का कहना है कि शासन से कई दौर की बठक हो चुकी है, लेकिन बैठकों से कोई नतीजा नहीं निकल सका है. फिलहाल अब देखना होगा कि सरकार 1 जनवरी से सर्किट रेट को बढ़ाने जा रही है. ऐसे में यह देखना काफी दिलचस्प होगा कि आखिर सरकार हड़ताल समाप्त कराती है यह फिर यूं ही लोगों को दिक्कतों से दो चार होते रहना पड़ेगा.
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FIRST PUBLISHED : December 30, 2015, 15:45 IST