थानों में जाकर रिपोर्ट दर्ज कराने की बात अब गुजरे जमाने की होने जा रही है. अब लोगों को कोतवाली की धौंस से डरना नहीं पड़ेगा. बदलती टेक्नोलॉजी को पुलिस अब अपने कार्यों में शुमार करने जा रही है.
थानों में जाकर रिपोर्ट दर्ज कराने की बात अब गुजरे जमाने की होने जा रही है. अब लोगों को कोतवाली की धौंस से डरना नहीं पड़ेगा. बदलती टेक्नोलॉजी को पुलिस अब अपने कार्यों में शुमार करने जा रही है.
थानों में जाकर रिपोर्ट दर्ज कराने की बात अब गुजरे जमाने की होने जा रही है. अब लोगों को कोतवाली की धौंस से डरना नहीं पड़ेगा. बदलती टेक्नोलॉजी को पुलिस अब अपने कार्यों में शुमार करने जा रही है.
अभी राजधानी देहरादून में पायलेट प्रोजेक्ट के तरह ऑनलाइन एफआईआर दर्ज कराने की सेवा चल रही है, मगर पुलिस अब 1 जनवरी 2016 से प्रदेश के सभी थानों में ऑनलाइन एफआईआर दर्ज करने की सेवा शुरू करने जा रही है.
एडीजी प्रशासन राम सिंह मीणा का कहना है कि सीसीटीएनएस योजना के तहत प्रदेश के 125 थानों को ऑनलाइन किया जा रहा है, जहां लोग अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं. इसके लिए लोगों को अब एफआईआर की कंप्यूटराइज कॉपी मिलेगी.
एडीज प्रशासन का कहना है कि राजधानी में काफी हद तक लोग अब पुलिस की वेबसाइट का इस्तेमाल कर रहे हैं, यानी अब लोगों को रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए थानों का चक्कर नहीं काटना पड़ेगा. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि थानों को काम को आसान किया जा रहा है, जिससे दर्ज मामलों की विवेचना में भी तेजी लाई जा सकें.
इसके साथ ही लंबित मामलों का निस्तारण भी तेज गति से हो सकें, इसके लिए पुलिस जवानों को विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है. उनका कहना है कि ऑफलाइन में पुलिस जवान अब पुराने डाटा को कम्प्यूटराइज्ड कर रहे हैं, जिससे मामलों के निस्तारण में भी तेज आ सकें.
दरअसल सीसीटीएनएस योजना के तहत प्रदेश के 125 थानों को ऑनलाइन किया जा रहा है, जबकि प्रदेश में थानों की संख्या अब 152 हो चुकी है, मगर 27 थानों में ऑनलाइन की सेवा अभी शुरू नहीं हो सकी है, क्योंकि सभी थानों का हाल के सालों में निर्माण हुआ है. ऐसे में अधिकारियों का कहना है कि दूसरे चरण में बाकी 27 थानों को भी ऑनलाइन किया जाएगा, जिससे लोगों को रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए थानों के चक्कर ना काटना पड़ेगा.
फिलहाल पुलिस का कहना है कि इस योजना के दर्ज झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने के वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी, यानी कोई व्यक्ति बिना बुनियादी मामलें के रिपोर्ट दर्ज करता है तो पुलिस उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करेगी.
अधिकारियों का कहना है कि शासन नें कंप्यूटराइज्ड एफआईआर की कॉपी को मान्यता प्रदान कर दी है, यानी अब लोगों को थानों पर आना नहीं पड़ेगा. फिलहाल पुलिस अभी ये योजना देहरादून में चलाएगी, जिसकी सफलता को देखने के बाद पुलिस इस योजना को पूरे प्रदेश में लागू करने जा रही है.