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चारधाम हाईवे: समय रहते ट्रीटमेंट नहीं हुआ! दो दर्जन लैंडस्लाइड ज़ोन बने खतरा, यात्रियों की बढ़ी धुकधुकी

चार धाम के हाईवे पर स्लाइडिंग ज़ोन से सफ़र खतरनाक हो गया है.

चार धाम के हाईवे पर स्लाइडिंग ज़ोन से सफ़र खतरनाक हो गया है.

Chardham Sadak Yojna: चारधाम सड़क निर्माण योजना के कारण 4 ज़िलों में पड़ने वाले बद्रीनाथ और केदारनाथ हाईवे पर पुराने के ...अधिक पढ़ें

पौड़ी. बारिश के शुरुआती दौर में ही भूस्खलन ज़ोन कहर ढाने को तैयार हैं. ये पहाड़ी इलाके खतरनाक हो गए हैं. मॉनसून के पहले दौर में ही टिहरी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग व चमोली ज़िलों में पड़ने वाले बद्रीनाथ और केदारनाथ हाईवे पर एक्टिव हुए नये-पुराने भूस्खलन ज़ोन मुसीबत बन रहे हैं.

ऋषिकेश से रुद्रप्रयाग तक बद्रीनाथ हाईवे पर दुर्घटनाओं के लिहाज़ से 24 बेहद खतरनाक चिन्हित भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र हैं,ये बरसात में आफत साबित हो सकते हैं. पीडब्लूडी एनएच के एई राजीव शर्मा का कहना है ‘चूंकि ठेकेदारों के कई सालों के भुगतान पेंडिंग है, तो वो मशीनरी उपलब्ध नहीं करवा पा रहे हैं. ऐसे में हम वैकल्पिक तौर पर ई टेंडर के ज़रिये प्राइवेट मशीनें जुटा रहे हैं.

इन भूस्खलन ज़ोनों में शुरुआती बारिश में ही लैंडस्लाइड के कारण घंटों हाईवे बाधित रहने के साथ दुर्घटनाएं भी हो चुकी हैं. इनसे निपटना विभाग के लिए भी मुसीबत बन चुका है. जियोलाजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, THDC, CRRI के भूगर्भ वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के इन सभी ज़ोनों के सर्वे के बाद ट्रीटमेंट के लिए कुछ की डीपीआर मंत्रालय को भेजी है लेकिन कुछ होने में अब भी लंबा वक्त लग सकता है.

विशेषज्ञों का दावा, ठीक नहीं हो रहा काम!

भूगर्भ वैज्ञानिक फिलहाल किए जा रहे ट्रीटमेंट कार्यों पर सवाल खड़े कर रहे हैं. गढ़वाल केन्द्रीय विवि के भूगर्भ वैज्ञानिक प्रो यशपाल सुन्द्रियाल का कहना है कि समय से सही ढंग से अगर यहां इंजीनियरिंग ट्रीटमेंट नहीं होगा तो ऑल वेदर रोड भी वरदान की जगह अभिशाप साबित होगी. यशपाल का कहना है कि जो ट्रीटमेंट अभी किया जा रहा है, वह सटीक नहीं है और ऐसे में अभी यहां और लैंडस्लाइड ज़ोन बन सकते हैं.

दरअसल मानकों को ताक पर रख किये जा रहे अवैज्ञानिक निर्माण कार्यों के कारण ये नये डेंजर ज़ोन बन गए हैं. यदि लंबे समय तक विभाग और ज़िम्मेदार महकमे कई बार के सर्वे की लेटलतीफ प्रक्रिया को निपटाकर ट्रीटमेंट का कार्य शुरू कर चुके होते, तो आज स्थितियां इस कदर भयावह नहीं होतीं.

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टिहरी में हादसों का खतरा

एनएच 58 और 94 पर सफर जान का जोखिम बना हुआ है. बारिश के बीच पहाड़ी से मलबा, बोल्डर गिर रहे हैं. सौरभ सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक ऑल वेदर प्रोजेक्ट के तहत रोड का चौड़ीकरण तो किया गया लेकिन नए बने स्लाइडिंग ज़ोन का ट्रीटमेंट न होने से हाईवे के बार बार बंद होने की समस्या बनी हुई है. यात्रियों को घंटों इंतज़ार करना पड़ रहा है. यहां ट्रीटमेंट तो दूर सुरक्षा के इंतजाम तक नहीं हैं. ज़िला आपदा प्रबंधन अधिकारी का कहना है कि संवेदनशील क्षेत्रों में जेसीबी से मलबा हटाने का काम हो रहा है.

Tags: Char Dham Highway Project, Uttarakhand landslide

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