पिथौरागढ़ में बिहार के प्रमुख छठ पर्व (Chhath Puja in Pithoragarh) को बड़ी धूमधाम के साथ मनाया गया. इस दौरान बिहार और पूर्वांचल की महिलाओं ने उपवास रखा और डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा-अर्चना की और भगवान सूर्य से समृद्ध व स्वस्थ जीवन की मन्नत मांगी. संतान के अलावा छठ का व्रत पति की लंबी आयु की कामना के लिए भी रखा जाता है, इसलिए इस पूजा में सुहाग के प्रतीक सिंदूर का खास महत्व है.
छठ पर्व पर महिलाएं अपने पति और संतान की लंबी उम्र के लिए निष्ठा और तपस्या से व्रत रखती हैं. हिंदू धर्म में विवाह के बाद मांग में सिंदूर भरने को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है. छठ पूजा में भी महिलाएं नाक से लेकर मांग तक लंबा सिंदूर लगाती हैं.
सीमांत क्षेत्र में भी बीते कुछ साल से बिहार के लोगों की बढ़ती आवाजाही के बाद छठ पूर्व धूमधाम से मनाया जाने लगा है. शहर के धोबी घाट पर छठ पूजा का आयोजन किया गया. गुरुवार सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही छठ पूजा का समापन हुआ.
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