Pithoragarh News: चाइना और नेपाल बॉर्डर के गांवों तक पहुंचेगी मोबाइल कनेक्टिविटी.
पिथौरागढ़. चीन और नेपाल से सटे बॉर्डर इलाकों के गांवों तक मोबाइल कनेक्टिविटी देने के लिए कवायद तेज़ हो गई है. जब देश के लोग बेहद सस्ती कीमतों पर इंटरनेट चला रहे हैं, तब इस क्षेत्र में एक कॉल के लिए लोग जेब ढीली करते हैं. अब भारत सरकार के यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड और टेलिकम्युनिकेशन विभाग ने जिओ और बीएसएनएल की मदद से बॉर्डर के 195 गांवों को संचार सेवा से जोड़ने का प्लान बनाया है. इस प्लान के तहत अब स्थानीय लोगों की मदद से ज़मीन तय की जाएगी और यहां टेलीकॉम कंपनियों के टावर लगाए जाने का काम भी जल्द शुरू किया जा सकता है.
टेलिकम्युनिकेशन विभाग भारत सरकार के एडमिनिस्ट्रेटर हरि रंजन रॉय, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के निदेशक अमित सिन्हा और डिप्टी डॉयरेक्टर अरुण वर्मा ने डीएम पिथौरागढ़ आशीष चौहान के साथ संचार सेवा को लेकर एक अहम बैठक की. बैठक में तय किया गया कि जिओ और बीएसएनएल को टावर लगाने के लिए तत्काल ज़मीन दी जाए. साथ ही, स्थानीय लोगों के सहयोग से जमीन चिह्नित की जाकर लीज़ एग्रीमेंट तैयार कराने की निर्देश भी दिए गए.संचार विभाग के अधिकारियों ने पिथौरागढ़ के डीएम के साथ बैठक की.
असल में चीन और नेपाल से सटे इलाके अभी भी संचार सेवा के कोसों दूर हैं. हालात ये हैं कि बॉर्डर के इलाकों में रहने वाले लोग नेपाल के मोबाइल सिग्नल के सहारे शेष दुनिया से जुड़़ने के लिए मजबूर हैं यानी यहां तक भारत की संचार सेवाएं पहुंच ही नहीं सकी हैं. और तो और विदेशी मोबाइल सेवा यूज़ करने के कारण बॉर्डर के भारतीय नागरिकों को 1 मिनट की कॉल के लिए 12 रुपये खर्च करने होते हैं.
नये प्लान के मुताबिक अब भारत सरकार जिओ और बीएसएनएल की मदद से बॉर्डर के 195 गांवों को संचार सेवा से जोड़ने जा रही है. पिथौरागढ़ में संचार सेवाविहीन गांव सबसे अधिक धारचूला और मुनस्यारी तहसील में हैं. धारचूला तहसील मुख्यालय के आगे चाइना बॉर्डर तक भारतीय संचार सेवा नहीं है, जबकि मुनस्यारी तहसील में भी मिलम बॉर्डर संचार सेवा से कटा हुआ है. मोबाइल कनेक्टिविटी होने से बॉर्डर के इलाकों में तैनात सेना, आईटीबीपी और एसएसबी को भी काफी सहूलियत होगी.
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