पिथौरागढ़. पेयजल और सिंचाई की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए पिथौरागढ़ में अमृत सरोवर योजना पर काम शुरू हो गया है. योजना को अमल में लाने के लिए सभी तहसीलों में 7 दर्जन से अधिक सरोवरों का निर्माण किया जा रहा है. इस योजना की अहमियत और खास बात यही है कि इससे करीब 1 लाख रोज़गार पैदा होने वाले हैं. यही नहीं, ज़िले के बेरोज़गारों को अपने घर के पास ही रोज़गार का मौका मिलेगा. इसके अलावा योजना के और भी कई फायदे बताए जा रहे हैं.
पहाड़ों में साल दर साल वॉटर लेवल गिर रहा है. गिरते जलस्तर के कारण पेयजल और सिंचाई की ज़रूरतों को पूरा करना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है. ऐसे में अब केन्द्र सरकार की अमृत सरोवर योजना इस संकट को दूर कर सकती है. सरकार ने प्रदेश के सभी ज़िलों में 75 से अधिक सरोवर बनाने का टारगेट लिया है, जिससे सिंचाई और पेयजल की ज़रूरत तो पूरी होगी ही, साथ ही बंद हो चुके जलस्रोत रिचार्ज भी हो सकेंगे.
पिथौरागढ़ के डीएम आशीष चौहान का कहना है कि सभी सरोवरों को बनाने के लिए कार्यदायी संस्थाओं को धनराशि दे दी गई है और 2 महीने के भीतर सरोवरों को बना लिया जाएगा. लेकिन आपको बताते हैं कि इस योजना से रोज़गार किस तरह जनरेट होने जा रहे हैं.
ऐसे मिलेगा 1 लाख लोगों को घर पर रोज़गार
अकेले पिथौरागढ़ में 79 सरोवरों की निर्माण होना है, जिनमें से 73 सरोवर मनरेगा के तहत बनने हैं, जबकि 19 का निर्माण वन महकमा करेगा. यही नहीं वन विभाग 11 जबकि मनरेगा के तहत 4 जल स्रोत को रिचार्ज किया जाएगा. सरोवरों के निर्माण में 34 करोड़ के करीब धनराशि खर्च होनी है. ज़िले में सबसे अधिक 17 सरोवरों का निर्माण धारचूला तहसील में होना है. इस योजना से 1 लाख से अधिक लोगों को अपने घर के पास रोज़गार मिलेगा.
सीडीओ पिथौरागढ़ वंदना पाल का कहना है कि योजना के अमल पर आने पर कई लोगों को फायदा होगा. विकास विभाग लगातार सरोवरों के निर्माण पर नज़र बनाए हुए है. अमृत सरोवर योजना में 47,000 क्यूबिक पानी को इकठ्ठा करने का टारगेट लिया गया है. ऐसे में तय है कि यह योजना अगर परवान चढ़ती है, तो पीने के अलावा खेती, फल और सब्जी उत्पादन के लिए भी पर्याप्त पानी मिल सकेगा.
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