हल्द्वानी के सेंट्रल हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ रमेश शर्मा और कार्डिक सर्जन डॉ प्रमोद जोशी के साथ हुई मार-पिटाई से नाराज निजी डॉक्टर्स ने बेमियादी हड़ताल शुरू कर दी है.
दरअसल 16 दिसंबर को एक मरीज की हॉस्पिटल में मौत हो गई थी, जिससे नाराज परिजनों ने डॉ प्रमोद जोशी के साथ जमकर मार-पिटाई की. परिजनों ने डॉक्टर्स पर लापरवाही का आरोप लगाकर पूरी घटना को अंजाम दिया.
18 दिसंबर से कुमाऊं के डॉक्टर्स हड़ताल पर थे, मगर मामले की गंभीरता को देखते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने पूरे प्रदेश में मंगलवार से हड़ताल शुरू कर दी है. इसके चलते निजी हॉस्पिटल की स्वास्थ्य सेवाएं चरमराने लगी हैं.
हॉस्पिटल में नए मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है. ओपीडी और नए मरीजों की भर्ती का काम बाधित चल रहा है, आईएमए का कहना है कि जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती है, वे अपनी हड़ताल जारी रखेंगे.
वहीं डॉक्टर्स के एक प्रतिनिधिमंडल ने एडीजी प्रशासन राम सिंह मीणा से मुलाकात करके पूरे मामले में उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है. साथ ही आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.
आईएमए के अध्यक्ष हल्द्वानी भ्रमण पर हैं, वे वहां पर डॉक्टर्स के साथ मीटिंग करेंगे और साथ ही आंदोलन की नई रणनीति के बारे में चर्चा करेंगे. वैसे आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से 48 घंटे के बाद सरकारी अस्पतालों में तैनात डॉक्टर्स ने आंदोलन में आने का ऐलान किया है, यानी वे भी हड़ताल में शामिल हो जाएंगे.
इस तरह से स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हो सकती है. फिलहाल पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पूरे मामले की जांच की जा रही है और जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी. दरअसल सरकार ने 1 अप्रैल 2013 से चिकित्सा सुरक्षा अधिनियम को लागू किया है, जिससे डॉक्टर्स के खिलाफ किसी तरह की हिंसा होने पर आरोपी पर सख्त कार्रवाई की जा सकें. फिलहाल अभी तक इस अधिनियम के तहत कोई कार्रवाई नहीं हो रही है, जिससे डॉक्टर्स काफी आक्रोशित हैं.
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FIRST PUBLISHED : December 22, 2015, 22:24 IST