उत्तराखंड में यूं तो कर्मचारी संगठन अकसर अपनी मांगों के समर्थन में धरना-पर्दशन करते हैं या फिर हड़ताल पर चले जाते हैं. लगातार प्रदेश में कोई ना कोई विभाग के कर्मचारी हड़ताल और धरना प्रदर्शन करते रहते हैं
उत्तराखंड में कर्मियों को वीरू बनाने की ऐसी ललक लगी है कि वो न आव देखते हैं न ताव दन से अपनी मांगों को लेकर पानी की टंकी पर चढ़ जाते हैं. अब देखिए कि राजधानी देहरादून में दो अलग-अलग कर्मचारी संगठन अपनी मांगों को लेकर पानी की टंकी पर चढ़े हुए हैं.
खास बात ये है कि स्वास्थ्य महकमे में संविदा पर तैनात एमपीडब्ल्यू कर्मी ने पानी की टंकी पर चढ़ने का रिकॉर्ड कायम कर दिया है. पिछले 14 दिनों से चार एमपीडब्ल्यू कर्मी पानी की टंकी पर चढ़े हु्ए हैं. कर्मी सरकार से समायोजना की मांग कर रहे हैं.
गौरतलब है कि पिछले आठ सालों से कर्मी स्वास्थ्य महकमे में मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत संविदा पर काम करते रहे हैं, लेकिन 2014 में अचानक केंद्र सरकार ने कार्यक्रम को बंद कर दिया, जिसकी वजह से प्रदेश में कार्यरत 212 कर्मी बेरोजगार हो गए हैं.
कर्मियों की मांग है कि जब केंद्र सरकार ने योजना को फंड कर दिया है तो राज्य सरकार को उन्हें विभाग में समायोजित करना चाहिए. पिछले एक साल से कर्मी सरकार से समायोजन की मांग कर रहे हैं, लेकिन अधिकारी उनकी मांगों पर कोई ठोस फैसला नहीं कर रही है.
इस तरह से देखा जाय तो कर्मी जहां अपनी मांगों को मगवाने के लिए पानी की टंकी पर चढ़ने का रुख अख्तियार कर रहे हैं, वहीं शासन प्रशासन पानी की टंकी पर चढ़ने वालों के खिलाफ भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रही है जिससे कर्मी पानी की टंकी पर चढ़कर अपना रिकॉर्ड बना रहे हैं.
फिलहाल कर्मियों को भले ही कुछ हासिल नहीं हो रहा है, लेकिन आंदोलन के बहाने ही सही वो रिकॉर्ड बनाने में भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं.
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FIRST PUBLISHED : September 29, 2015, 12:29 IST