केदारनाथ यात्राः यात्रियों की सुरक्षा के लिए प्रशासन ने किए पुख्ता इंतजाम

Photo Courtesy- ETV
उत्तराखंड में केदारनाथ यात्रा को लेकर शासन प्रशासन ने कमर कस ली है. सभी पड़ाव पर यात्रियों को हर प्रकार से सुविधा मुहैया करने की योजना बनाईं गई है. यात्रा में कोई बाधा ना हो इसके लिए हर सम्भव व्यवस्था की गई है.
- ETV UP/Uttarakhand
- Last Updated: May 14, 2016, 10:22 AM IST
उत्तराखंड में केदारनाथ यात्रा को लेकर शासन प्रशासन ने कमर कस ली है. सभी पड़ाव पर यात्रियों को हर प्रकार से सुविधा मुहैया करने की योजना बनाई गई है. यात्रा में कोई बाधा ना हो इसके लिए हर सम्भव व्यवस्या की गई है. यात्रियों की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, इसके लिए पूरे यात्रा मार्गों पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं.
दरअसल, आपदा के बाद इस साल केदारनाथ यात्रा को लेकर शासन प्रशासन ने कमर कस ली. आपदा के बाद विगत सालों के माफिक इस साल यात्रा को व्यवस्थित करने और यात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो इसका पूर्ण ध्यान दिया गया है, चाहे यात्री की स्वास्थ्य हो या सुरक्षा.
यात्रा को व्यवस्थित करने के लिए यात्रा को 3 भागों में बांटा गया है. जिसमें यात्री को ठहरने और खाने के लिए गढ़वाल मंडल विकास निगम व्यवस्था करेगा.
यात्रियों के समय का सदुपयोग हो इसके लिए 6 अलग-अलग जगह उनके यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन, बायोमेट्रिक्स की व्यवस्था की गई. जिसमें अगस्त्यमुनि, गुप्तकाशी, फाटा, सोनप्रयाग, गौरीकुंड और केदारनाथ हैं. इस समय प्रशासन की ओर से गौरीकुंड से केदारनाथ तक अलग-अलग पड़ावों पर 5000 से ज्यादा यात्रियों के लिए खाने और ठहरने की उचित व्यवस्था की गई है.यात्रा में किसी भी यात्री को स्वास्थ्य सम्बंधित कोई परेशानी न हो उसके लिए प्रत्येक पैदल पड़ाव पर एक हेल्थ केम्प लगा है, जिसमे निःशुल्क उपचार की व्यवस्था की गई. प्रत्येक पड़ाव पर पुलिस और एसडीआरएफ के जवान हैं जो यात्रा के दौरान कोई अनहोनी हुई, तो उस से निपटने के लिए तैयार बैठे हैं.
पूरे पैदल पड़ाव में कैमरे लगे हैं जो 24 घण्टे नजर बनाए हुए हैं, जिनका कंट्रोल रूम जिला मुख्यालय और सचिवालय है, जो सुरक्षा के लिहाज से लगाए गए हैं. पैदल पड़ाव में पेयजल और सुलभ की ओर से निमित शौचालय की उचित व्यवस्था की गई है.
यात्री केदारनाथ के लिए जाने के लिए हेली सर्विस, पैदल या घोड़े-खच्चर, डंडी, कंडी की उचित व्यवस्था है. पैदल यात्रा के लिए विभिन्न पड़ाव दिए गए हैं. गौरीकुंड से यात्री जब पैदल सफर करता है तो पहला पड़ाव जंगल चट्टी है, जहां पर वो कुछ समय रुक कर अपनी थकान को मिटाता है.
यहां पर स्थानीय व्यपारियों की ओर से भोजन की उचित और सही दामों पर व्यवस्था है. वहां से कुछ दूरी पर यात्रा के दौरान कही मनमोहक झरने जिसने रुद्रा फाल जैसे कही झरने दिखते हैं. जिनको देख कर यात्री अपनी थकान दूर करता है फिर पहुंचता हैं भीम बली जहां यात्री के लिए प्रशासन की ओर से कुछ विश्राम गृह बनाए गए हैं. जिसमे कुछ समय रुक कर अपनी आगे की यात्रा पर चल सकता है.
फिर रामबाड़ा होते हुए लिनचोलि जहां गढ़वाल मंडल विकाश निगम की ओर से उचित दरों पर ठहरने और खाने की व्यवस्था है. कुछ दूरी पर छानी केम्प जहां स्थानीय लोगों की ओर से टेंट कालोनी बसाई गई है. जिनमें उचित दरों पर यात्रियों को रहने, खाने की व्यवस्था की गई है.
प्रशासन ने पूरी यात्रा में यात्री की हर प्रकार की स्वस्थ सुरक्षा के पक्के इंतजाम किए हैं. जिस से यात्रियों को किसी भी प्रकार की कोई असुविधा न हो.
दरअसल, आपदा के बाद इस साल केदारनाथ यात्रा को लेकर शासन प्रशासन ने कमर कस ली. आपदा के बाद विगत सालों के माफिक इस साल यात्रा को व्यवस्थित करने और यात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो इसका पूर्ण ध्यान दिया गया है, चाहे यात्री की स्वास्थ्य हो या सुरक्षा.
यात्रा को व्यवस्थित करने के लिए यात्रा को 3 भागों में बांटा गया है. जिसमें यात्री को ठहरने और खाने के लिए गढ़वाल मंडल विकास निगम व्यवस्था करेगा.
यात्रियों के समय का सदुपयोग हो इसके लिए 6 अलग-अलग जगह उनके यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन, बायोमेट्रिक्स की व्यवस्था की गई. जिसमें अगस्त्यमुनि, गुप्तकाशी, फाटा, सोनप्रयाग, गौरीकुंड और केदारनाथ हैं. इस समय प्रशासन की ओर से गौरीकुंड से केदारनाथ तक अलग-अलग पड़ावों पर 5000 से ज्यादा यात्रियों के लिए खाने और ठहरने की उचित व्यवस्था की गई है.यात्रा में किसी भी यात्री को स्वास्थ्य सम्बंधित कोई परेशानी न हो उसके लिए प्रत्येक पैदल पड़ाव पर एक हेल्थ केम्प लगा है, जिसमे निःशुल्क उपचार की व्यवस्था की गई. प्रत्येक पड़ाव पर पुलिस और एसडीआरएफ के जवान हैं जो यात्रा के दौरान कोई अनहोनी हुई, तो उस से निपटने के लिए तैयार बैठे हैं.
पूरे पैदल पड़ाव में कैमरे लगे हैं जो 24 घण्टे नजर बनाए हुए हैं, जिनका कंट्रोल रूम जिला मुख्यालय और सचिवालय है, जो सुरक्षा के लिहाज से लगाए गए हैं. पैदल पड़ाव में पेयजल और सुलभ की ओर से निमित शौचालय की उचित व्यवस्था की गई है.
यात्री केदारनाथ के लिए जाने के लिए हेली सर्विस, पैदल या घोड़े-खच्चर, डंडी, कंडी की उचित व्यवस्था है. पैदल यात्रा के लिए विभिन्न पड़ाव दिए गए हैं. गौरीकुंड से यात्री जब पैदल सफर करता है तो पहला पड़ाव जंगल चट्टी है, जहां पर वो कुछ समय रुक कर अपनी थकान को मिटाता है.
यहां पर स्थानीय व्यपारियों की ओर से भोजन की उचित और सही दामों पर व्यवस्था है. वहां से कुछ दूरी पर यात्रा के दौरान कही मनमोहक झरने जिसने रुद्रा फाल जैसे कही झरने दिखते हैं. जिनको देख कर यात्री अपनी थकान दूर करता है फिर पहुंचता हैं भीम बली जहां यात्री के लिए प्रशासन की ओर से कुछ विश्राम गृह बनाए गए हैं. जिसमे कुछ समय रुक कर अपनी आगे की यात्रा पर चल सकता है.
फिर रामबाड़ा होते हुए लिनचोलि जहां गढ़वाल मंडल विकाश निगम की ओर से उचित दरों पर ठहरने और खाने की व्यवस्था है. कुछ दूरी पर छानी केम्प जहां स्थानीय लोगों की ओर से टेंट कालोनी बसाई गई है. जिनमें उचित दरों पर यात्रियों को रहने, खाने की व्यवस्था की गई है.
प्रशासन ने पूरी यात्रा में यात्री की हर प्रकार की स्वस्थ सुरक्षा के पक्के इंतजाम किए हैं. जिस से यात्रियों को किसी भी प्रकार की कोई असुविधा न हो.