आईआईटी रुड़की में भारत में संभावित भूकंप को लेकर अध्ययन (News18 Hindi)
रुड़की. तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप के बाद अब आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिक भी चिंतित नजर आ रहे हैं. आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिकों ने कहा कि भूकंप को लेकर 1960 से मानक है, इसलिए उनके पास तकनीकी और नॉलेज बेस उपलब्ध है जिसका प्रयोग किया जा सकता है, जिससे भूकंप के समय जानमाल के नुकसान से बचा जा सकता है. वहीं भूवैज्ञानिकों का कहना है कि हिमालयी क्षेत्रों में भूकंप आना एक स्वभाविक प्रकिया है.
आईआईटी वैज्ञानिक मनीष सिरखण्डे का कहना है कि पहाड़ों में भी भवनों को अब भूकंपरोधी बनाया जा रहा है, ताकि भूकंप के समय कोई जानमाल नुकसान से बचा जा सके. भवनों का डिजाइन इस तरह किया जाना चाहिए कि भले भवन डेमेज हो जाए मगर उसकी छत ना गिरे. तुर्की में मकानों के छत गिरने से ही नुकसान हुआ है.
गजब के चोर! पहले खिचड़ी बनाई, फिर नहाया और सुबह ले उड़े सारा कीमती सामान
वहीं आईआईटी के वैज्ञानिक भूकंप को लेकर लगातार काम कर रहे हैं. बड़े भूकंप के समय डेमेज सिस्टम को कैसे रोका जा सकता है. इसलिए वैज्ञानिक लगातार भूकंप को लेकर गंभीर नजर आ रहे हैं. आईआईटी के वैज्ञानिकों का कहना है कि भूकंप आने से रोका नहीं जा सकता है, लेकिन लोगों को सतर्क रहने से जानमाल के नुकसान से बचाया जा सकता है.
आईआईटी रुड़की भूकंप को लेकर लगातार काम कर रहा है. गढ़वाल और कुमाऊं में सायरन भी लगाए गए है जो कि भूकंप के समय काफी फायदेमंद हो सकते हैं. पहाड़ी क्षेत्रों में लोगों के सतर्क रहने पर भूकंप से बचा जा सकता है. तुर्की का भूकंप भारत के लिए भी सतर्कता का सबक है. ऐसे में सरकारों को इस ओर ध्यान देना जरूरी है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: Earthquake News, Haridwar news, Roorkee news, Uttarakhand news