उत्तराखंड के टिहरी ज़िले में एक बार फिर बादल फटने से जनजीवन अस्त व्यस्त हुआ.
रिपोर्ट – सौरभ सिंह
टिहरी. उत्तराखंड में चार दिन में एक बार फिर बादल फटने की घटना सामने आई है. राजधानी देहरादून से सटे टिहरी ज़िले के सीमांत घनसाली के नैलचामी क्षेत्र में बादल फटने से करीब आधा दर्जन गांव चपेट में आए हैं. खेती को बड़ा नुकसान पहुंचा है, तो कई रास्ते तबाह हो गए हैं. फिलहाल किसी जनहानि की सूचना नहीं है, लेकिन नदी किनारे बसे ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है क्योंकि नदी में जलस्तर खतरनाक हो रहा है. ज़िले में देर रात से हो रही बारिश के चलते आज 24 अगस्त को 36 ग्रामीण सड़कें ठप हैं.
बीते 20 अगस्त को देहरादून के साथ ही टिहरी ज़िले में बादल फटने की घटना के बाद आज बुधवार को टिहरी में एक बार फिर बादल फटने से लोग दहशत में आ गए. घनसाली को आपदा के लिहाज़ से वैसे भी संवेदनशील माना जाता है और यहां प्रशासन व एसडीआरएफ की टीमें पहुंच चुकी हैं और राहत कार्य शुरू किए गए हैं. बताया जा रहा है कि यहां कई एकड़ की खेती तबाह हुई है और बाढ़ जैसे हालात की चपेट में पेयजल की लाइनें भी आ गई हैं, जिससे ग्रामीण संकट में आ गए हैं. खतरे की जद में आए लोगों को शिफ्ट करने की कवायद की बात कही जा रही है.
20 अगस्त को टिहरी के धनोल्टी क्षेत्र के गवाड़ गांव में बादल फटने से भारी तबाही हुई थी. गवाड़ के 7 लोग मलबे में लापता हो गए थे, जिनमें से तीन की बॉडी रिकवर कर ली गई है जबकि 4 लोग अब तक मिसिंग हैं. वहीं कीर्तिनगर के कोठार गांव में भी एक महिला मलबे में दब गई थी, जिसकी बॉडी रिकवर की जा चुकी है. सिल्ली गांव में भी एक महिला की बॉडी मलबे से मिली.
जान के साथ ही माल के नुकसान की बात करें तो बादल फटने से कुमालडा सहित गवाड़ में 3, तोलिया में 6, धौलागिरी में 5, भरवा कटाल में 7, ग्वाली डांडा में 5, चफलटी सेरा में दो-दो और सांदना क्यारी घंडीलालधार कोठार में एक-एक मकान क्षतिग्रस्त हुआ. करीब 32 पशुओं की जान गई और करीब 40.30 हेक्टेयर भू कटाव और 45.10 हेक्टेयर भूमि को मलबे से नुकसान पहुंचा.
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