केदारनाथ घनसाली मार्ग की उपेक्षा को लेकर स्थानीय व यात्री सभी चिंतित हैं.
सौरभ सिंह
टिहरी. चार धाम यात्रा में मुख्य पड़ाव और कनेक्टिविटी के रूप में टिहरी ज़िले का विशेष महत्व है. वह रूट इसी ज़िले में है, जो 2013 में केदारनाथ में आई आपदा के समय संकट मोचक बना था. यहीं से फंसे हुए तीर्थयात्रियों को निकाला गया था. अब जबकि 2 साल बाधित रहने के बाद यात्रा बगैर प्रतिबंधों के शुरू हुई है, तो इस रूट के साथ सौतेला बर्ताव देखने को मिल रहा है. न तो इस रूट को विकास योजनाओं में कुछ मिला और न ही यहां ट्रैफिक मैनेजमेंट व सुरक्षा के लिए कोई इंतज़ाम है.
केदारनाथ के साथ ही अन्य धामों के लिए घनसाली-तिलवाड़ा-केदारनाथ एक वैकल्पिक रूट है. 1961-62 में बने इस मार्ग का इस्तेमाल यात्री गंगोत्री, यमुनोत्री के दर्शन के बाद अधिकतर केदारनाथ व बद्रीनाथ जाने के लिए करते हैं. चूंकि यह रास्ता छोटा भी है और मुख्य हाईवे पर अक्सर लगने वाले जाम से भी छुटकारा दिला देता है इसलिए इन दिनों भी भारी संख्या में चारधाम यात्री इसी रूट का प्रयोग कर रहे हैं. लेकिन यहां शिकायतें ही ज़्यादा हैं.
ऑल वेदर प्रोजेक्ट के तहत जहां मेन हाईवे को चौड़ा किया गया, वहीं 2013 की आपदा में संकट मोचक बने इस रूट को न तो चौड़ा किया गया और न ही सुरक्षा की दृष्टि से कोई काम हुआ. शासन प्रशासन की अनदेखी के चलते घनसाली केदारनाथ रूट बदहाल स्थिति में है. कहीं क्रैश बैरियर टूटे हैं, तो कहीं अंधे मोड़ों पर बेसिक सूचनाओं तक के इंतज़ाम नहीं हैं.
क्या कह रहे हैं यात्री?
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस रूट को केदारनाथ के लिए वैकल्पिक रूट के तौर पर डेवलप किए जाने की ज़रूरत है. राजस्थान और पश्चिम बंगाल से आ रहे यात्री भी मानते हैं कि इस रूट के दिन फिरने चाहिए. इन दिनों भी इस रूट पर यात्रियों की आवाजाही के बीच यहां कई बार दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन इस ओर भी प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है. सुरक्षा की दृष्टि से इस रूट को विकसित किए जाने की बात सभी कर रहे हैं, ताकि मेन हाईवे का लोड कम हो सके और जाम की समस्या से निजात मिल सके.
ऋषिकेश–गंगोत्री हाईवे भी अनदेखी का शिकार
एनएच 94 ऋषिकेश–गंगोत्री हाईवे पर रमोल गांव के पास बने स्लाइडिंग जोन का ट्रीटमेंट न होने से घंटों जाम लग रहा है और यात्री जान जोखिम में डालकर यात्रा करने को मजबूर हैं. ऑल वेदर प्रोजेक्ट के तहत हाईवे का चौड़ीकरण किया गया, लेकिन कंपनी की लापरवाही और बेतरतीब तरीके से पहाड़ी काटने से नये स्लाइडिंग जोन बन गए. अब यहां लगातार मलबा और बोल्डर गिर रहे हैं. जाम की समस्या तो है ही, यह रूट खतरनाक और हो गया है.
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Tags: Char Dham Yatra, Kedarnath yatra, Roads
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