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Uttarakhand News : मंत्री के कार्यक्रम में महिला वैज्ञानिक का हाई वोल्टेज ड्रामा, जमकर काटा बवाल, जानिए मामला

कीट वैज्ञानिक डॉ रूचिरा तिवारी को समझाते हुए पुलिसकर्मी.

कीट वैज्ञानिक डॉ रूचिरा तिवारी को समझाते हुए पुलिसकर्मी.

पंतनगर के गांधी हॉल में आयोजित कार्यक्रम की सूचना मिलने के बाद कीट वैज्ञानिक डॉ. रूचिरा तिवारी न्याय की गुहार लगाते हुए ...अधिक पढ़ें

रिपोर्ट : वेद प्रकाश

पंतनगर. उत्तराखंड सरकार के एक साल पूरे पर पंतनगर यूनिवर्सिटी में आयोजित ‘ एक साल बेमिसाल ‘ कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि जिले के प्रभारी मंत्री एवं सूबे के कृषि मंत्री गणेश जोशी शिरकत करने पहुंचे थे. पंतनगर के गांधी हॉल में आयोजित कार्यक्रम की सूचना मिलने के बाद कीट वैज्ञानिक डॉ. रूचिरा तिवारी न्याय की गुहार लगाते हुए कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गई . तभी मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक लिया. सुरक्षाकर्मियों द्वारा रोके जाने के बाद कीट वैज्ञानिक डॉ. रूचिरा तिवारी ने हंगामा शुरू कर दिया. हाई वोल्टेज ड्रामा देखकर पुलिस के हाथ पैर फूल गए और आधे घंटे से अधिक चले ड्रामे के बाद पुलिस उन्हें उठाकर गाड़ी में बैठाकर पंतनगर थाने ले गई. पूर्व में भी महिला वैज्ञानिक ने विश्वविद्यालय परिसर में हंगामा कर न्याय की गुहार लगाई थी.

गोविंद बल्लभ पंत कृषि विश्वविद्यालय पंतनगर की कीट वैज्ञानिक डॉ. रूचिरा तिवारी ने यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों पर ही उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के कीट विभाग की प्राध्यापक डॉ. पूरन श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में पीएचडी करने वाली छात्रा अंजलि नौटियाल विवि से अगस्त 2021 से अक्टूबर 2021 तक बिना अनुमति के कहीं चली गई थी. जब मैंने छात्रा के बारे में पूछा, तो मुझे बताया गया कि छात्रा अवकाश पर है.

आरटीआई में दी गई गलत जानकारी
डॉ. तिवारी ने आगे कहा कि जब इस संबंध में मैंने आरटीआई से जानकारी ली, तो अवकाश संबंधित पत्र उपलब्ध नहीं कराया गया . इसके साथ ही परिसर के सीसीटीवी कैमरे के वर्षों से खराब होने की बात कही गई. उन्होंने बताया कि डॉ. पूरन द्वारा छात्रा का बचाव करते हुए जेएनयू भेजे जाने की गलत सूचना दी गई, जिसका कोई पत्र विवि के पास नहीं था.

जांच समिति ने दिया गलत निर्णय
डॉ. रूचिरा तिवारी ने बताया कि इसकी शिकायत करने पर केस को डिसिप्लिन कमेटी को जने की जगह निदेशक प्रशासन कार्यालय को भेज दिया गया , जहां जांच समिति ने मामले की लीपापोती कर पीएचडी छात्रा को दोषमुक्त करते हुए मुझे ही दोषी साबित कर मेरा मानसिक उत्पीड़न किया गया. उन्होंने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए इंसाफ की मांग की है.

मंत्री ने दिया आश्वासन
वहीं पत्रकारों से बातचीत के दौरान कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि आज यह मामला मेरे संज्ञान में आया है, जिसको लेकर मैं कुलपति से बात करूंगा और अगर महिला की बात सही होगी, तो उनकी बात सुनी जाएगी.

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