चंदन बंगारी
रुद्रपुर. उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव में टिकट को लेकर जैसे जैसे निर्णायक स्थिति की ओर बात बढ़ रही है, वैसे ही राजनीतिक पार्टियों की उठापटक सामने आने लगी है. एक तरफ कांग्रेस मज़बूत कैंडिडेटों के चयन को लेकर कसरत कर रही है, तो दूसरी तरफ कई सीटों पर बड़ी संख्या में नेताओं की दावेदारी के चलते पार्टी के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है. किच्छा सीट पर भी कुछ ऐसा ही आलम है, जहां कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने मोर्चाबंदी कर एक गुट बना लिया है और सभी दावेदार बन गए हैं. असल में यह पूरी कवायद यहां से पहले भी चुनाव लड़ चुके एक हैवीवेट दावेदार के खिलाफ है, जिसे बाहरी बताकर टिकट छीनने की कवायद हो रही है.
सबसे पहले तो आपको यही जान लेना चाहिए कि किच्छा सीट पर बीजेपी से राजेश शुक्ला लगातार दो बार से विधायक हैं. 2017 के चुनाव में हरीश रावत ने कांग्रेस के टिकट पर यहां से चुनाव लड़कर इस सीट को हॉट बना दिया था. तब दो सीटों से लड़े हैवीवेट रावत की यहां भी हार हुई थी और तब भी इसकी बड़ी वजह कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाज़ी को ही माना गया था. इस बार भी पार्टी साफ तौर पर गुटबाज़ी में उलझी हुई दिखाई दे रही है. इस सीट से 8 नेताओं का टिकट की होड़ में आ जाना स्थिति साफ कर रहा है.
बाहरी बनाम लोकल, क्या सच में है मुद्दा?
किच्छा सीट से टिकट के लिए कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष तिलकराज बेहड़ सहित 8 नेता दौड़ में शुमार बताए जा रहे हैं. सातों दावेदारों ने एकजुट होकर बेहड़ को बाहरी नेता बता दिया है और स्थानीय नेता को टिकट दिए जाने की मांग कर रहे हैं. इनमें से एक हरीश पनेरू का कहना है कि किसी भी स्थानीय नेता को टिकट मिले, तो सभी कार्यकर्ता मिलकर पार्टी के लिए काम करेंगे और उस उम्मीदवार को जिताएंगे.
क्या है बेहड़ की सफाई?
स्थानीय बनाम बाहरी की बहस को लेकर बेहड़ ने ऐसे दावों को खारिज करते हुए कहा कि वो इस सीट से दो बार विधायक रह चुके हैं. उन्हें बाहरी कहना गलत है. बेहड़ ने साफ तौर पर कहा कि वह इस बार भी टिकट लेकर आएंगे और मज़बूती से यहां चुनाव लड़ेंगे. अब यहां बेहड़ बनाम 7 जी की लड़ाई चर्चा में आ गई है. 7 जी उस समूह का अनौपचारिक नाम है, जो सातों दावेदारों ने मिलकर बना लिया है.
ये हैं 7 जी और ऐसा है इनका दावा
– डॉ. गणेश उपाध्याय, प्रदेश प्रवक्ता
– पुष्कर राज जैन, प्रदेश महामंत्री
– हरीश पनेरू, प्रदेश महामंत्री
– संजीव कुमार सिंह, प्रदेश सचिव
– नारायण सिंह बिष्ट, पूर्व जिलाध्यक्ष
– राजेश प्रताप सिंह
– सुरेश पपनेजा
सूत्रों की मानें तो इनमें हरीश पनेरू, नारायण बिष्ट का दावा औरों की तुलना में ज़्यादा मज़बूत है. हालांकि इन सातों ने एकजुट होकर किच्छा क्षेत्र में होर्डिंग्स लगवा दिए हैं और सभी दावेदार अपने जनसंपर्क में जुटे हैं. पनेरू तो लोक कलाकारों के साथ जनता के बीच जा रहे हैं. इस पूरी कवायद के बीच पूर्व मंत्री बेहड़ का टिकट को लेकर आश्वस्त होना यहां क्या समीकरण रचेगा, चर्चा तेज़ है.
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