हल्द्वानी. कांग्रेस की दिग्गज नेता रहीं इंदिरा हृदयेश (Indira Hridayesh) के कारण कुमाऊं के प्रवेश द्वार हल्द्वानी की सीट हमेशा से ही उत्तराखंड (Uttarakhand Assembly Election 2022) की राजनीतिक सुर्खियों में रही है. राज्य बनने के बाद ये पहला चुनाव होगा जब हल्द्वानी से इंदिरा हृदयेश चुनाव मैदान में नहीं होंगी. 13 जून 2021 को इंदिरा हृदयेश के निधन के बाद प्रदेश की सियासत में उनके उत्तराधिकारी की चर्चा जोरों पर थी.
चर्चा इस बात को लेकर थी कि आखिर इंदिरा के निधन के बाद हल्द्वानी (Haldwani Assembly Seat) से कांग्रेस किसे उनके उत्तराधिकारी के रूप में टिकट देगी. आखिरकार कांग्रेस की पहली लिस्ट ने इस चर्चा पर विराम के साथ ही सवाल का भी जवाब दे दिया है. इंदिरा हृदयेश के छोटे बेटे सुमित हृदयेश को कांग्रेस ने हल्द्वानी से अपना उम्मीदवार (Congress candidate List) बनाया है. यानी सुमित ही इंदिरा के राजनीतिक उत्तराधिकारी होंगे.
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मां का गढ़ बचाना चुनौती
कुल एक लाख 50 हजार 634 मतदाताओं वाली हल्द्वानी सीट एक तरह से कांग्रेस का गढ़ रही है. इंदिरा हृदयेश 2002, 2012 और 2017 में यहां से कांग्रेस की विधायक रही हैं. हालांकि 2007 का चुनाव इंदिरा हृदयेश, बीजेपी नेता बंशीधर भगत से हार गई थीं. ऐसे में चार में तीन चुनाव जीतकर हल्द्वानी को एक तरह से इंदिरा ने अपना मजबूत किला बना लिया था. अब बेटे सुमित के सामने मां इंदिरा हृदयेश के इस राजनीतिक गढ़ को बचाना एक चुनौती होगी.
सुमित हृदयेश का सियासी कद
सुमित हृदयेश की दिवंगत इंदिरा हृदयेश के बेटे होने के साथ ही अपनी भी अलग पहचान है. सुमित हल्द्वानी में अपने व्यवहार के कारण खासे लोकप्रिय हैं. अपने जीतेजी इंदिरा हृदयेश ने साल 2019 में सुमित को मेयर का चुनाव लड़वाया था, लेकिन वह बीजेपी के मेयर प्रत्याशी जोगेंद्र रौतेला से चुनाव हार गए थे. हालांकि सुमित ने चुनाव हारने के बाद भी अपनी राजनीतिक सक्रियता कम नहीं की. मां इंदिरा हृदयेश के चुनाव प्रबंधन का काम सुमित के ही जिम्मे होता था.
सुमित वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के साथ ही अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य हैं. साथ ही चुनावों के लिए बनी पब्लिसिटी कमेटी के अध्यक्ष और कार्यक्रम क्रियान्वयन कमेटी के सदस्य हैं. इससे पहले सुमित साल 2012 से 2018 तक हल्द्वानी मंडी समिति के अध्यक्ष रहे. सुमित की स्कूली शिक्षा नैनीताल के सेंट जोसेफ स्कूल और दिल्ली पब्लिक स्कूल, आरके पुरम से हुई है. सुमित अमेरिका की मिशिगन यूनिवर्सिटी से साइंस ग्रेजुएट हैं.
सुमित के टिकट पर थी अटकलें!
इंदिरा हृदयेश के निधन के बाद कांग्रेस नेताओं के लिए हल्द्वानी का मैदान खाली था. ऐसे में कांग्रेस के कई नेता यहां ये टिकट की दावेदारी कर रहे थे. और उन्होंने काफी ताकत भी झोंक रखी थी. जिसमें प्रदेश प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया का नाम सबसे प्रमुख था. कांग्रेस के कई बड़े नेता टिकट के लिए दीपक बल्यूटिया के टिकट की पैरवी कर रहे थे. लेकिन आखिरकार पार्टी आलाकमान सोनिया गांधी के दखल के बाद सुमित हृदयेश के नाम पर अंतिम मुहर लगी है.
बीजेपी उम्मीदवार का इंतजार
हल्द्वानी में सीधा मुकाबला हमेशा से ही कांग्रेस और बीजेपी के बीच रहा है. लेकिन बीजेपी ने जिन 59 सीटों से टिकटों का ऐलान किया है, उसमें हल्द्वानी का टिकट शामिल नहीं है. ऐसे में देखने वाली बात ये है कि बीजेपी किसे प्रत्याशी बनाती है.
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