. उत्तराखंड के उत्तरकाशी (
) हो गया है. बीते सोमवार को गंगोत्री नेशनल हाईवे पर भूस्खलन के कारण यातायात बंद करना पड़ा. जिसके चलते इस राजमार्ग से आने-जाने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जिला प्रशासन के अधिकारियों के मुताबिक सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) राजमार्ग को बहाल करने का प्रयास कर रहा है. जल्द ही यातायाता व्यवस्था सुचारू होने की उम्मीद है. राजमार्ग से चट्टान व मिट्टी हटाने का काम तेजी से हो रहा है.
बता दें कि भारी बारिश के कारण उत्तराखंड के कई इलाकों में जन जीवन प्रभावित हो रहा है. चीन सीमा को जोड़ने वाले पिथौरागढ़ (Pithoragarh) जिले के कुलागाड़ पुल (Kulagad Bridge) बहने से हजारों की आबादी कैद हो गई है. हालात यह हो गये हैं कि ब्यास, दारमा और चौदांस घाटी के छह दर्जन से अधिक गांव बाकी दुनिया से पूरी तरह कट गए हैं. ऐसे में जिन लोगों को मजबूरी में आवाजाही करनी पड़ रही है उनके लिए कुलागाड़ को पार करना मौत को मात देने से कम नहीं है.
बता दें कि नीचे उफनती नदी और नदी के ऊपर रस्सियों के सहारे आवाजाही हो रही है. जरा सी चूक होने पर इंसान सीधा मौत के मुंह में समा जाएगा. कुलागाड़ में पुल बहने के बाद हर दन लोग ऐसे ही आर-पार आने-जाने को मजबूर हैं. कुछ को रस्सियों के सहारे उनकी मंजिल तक पहुंचाया जा रहा है तो वहीं, कुछ तेज बहाव की नदी में बिजली के पोल के सहारे आर-पार आ-जा रहे हैं. कुलागाड़ में बीआरओ ने 45 करोड़ की लागत से आरसीसी पुल बनाया था. लेकिन बीते आठ जुलाई की रात आई आसमानी आफत ने पुल को ध्वस्त कर दिया. ब्यास घाटी के निवासी अश्विन नपलच्याल कहते हैं कि लोगों को अपनी जिंदगी खतरे में डालनी पड़ रही है. यह पुल बॉर्डर की तीनों घाटियों की लाइफलाइन था.
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FIRST PUBLISHED : July 13, 2021, 10:31 IST