बलबीर सिंह परमार
उत्तरकाशी. उत्तराखंड के जनपद उत्तरकाशी (Uttarkashi) में रविवार की शाम जंगल में लगी आग ने विकराल रूप धारण कर लिया. आग के कारण कई गांव में अफरा-तफरी की स्थिति रही. ग्रामीण रात भर जाग कर गांवों की सीमा पर डटे रहे, जिससे गांवों को आग से बचाया जा सके. जनपद उत्तकाशी में टौंस वन प्रभाग, अपर यमुना वन प्रभाग और उत्तरकाशी वन प्रभाग के जंगलों में मार्च के पहले सप्ताह से आग लगी हुई है.
आग लगने से तीनों वन प्रभाग में 100 हेक्टेयर से अधिक जंगल जलकर खाक हो गए हैं. बारिश न होने और लगातार गर्मी बढ़ने के कारण भी आग तेजी से भड़क रही है. गंगा विचार मंच के प्रदेश संयोजक व भाजपा नेता लोकेंद्र बिष्ट ने जनपद मुख्यालय के आस पास जंगलों में आग से हो रहे नुकसान पर उत्तरकाशी डीएफओ पर सवाल खड़े किए हैं.
उन्होंने कहा कि जिला मुख्यालय के पास बाड़ाहाट और मुखेम रेंज के जंगल रात भर धू धू कर जलते रहे, लेकिन समय रहते वन विभाग ने आग बुझाने को लेकर उचित कदम नहीं उठाया. स्थानीय लोगों ने वन विभाग की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं.
आग के विकराल रूप के बाद हरकत आया वन विभाग
वन विभाग आग के विकराल रूप के बाद हरकत में आया है, रात भर वन विभाग के कर्मचारी मौके पर डटे रहे. उत्तरकाशी वन प्रभाग के डीएफओ पुनीत तोमर ने बताया कि अब तक 37 घटना उत्तरकाशी वन प्रभाग में आग की हो चुकी हैं. डुंडा, बाड़ाहाट रेंज में आग पर काबू पाया जा चुका बाकी रेंज में आग पर काबू करने का प्रयास किया जा रहा है.
जनपद में गर्मी बढ़ते ही आग भी विकराल होनी शुरू हो गई है. वन विभाग आग पर कर्मचारी तैनात करने की बात तो कर रहा है, लेकिन कोई ठोस प्लान आग की घटनाओं को रोकने का वन विभाग के पास भी नहीं है.
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